Hindi Newsकरियर न्यूज़World Hindi Day 2023 : today vishwa hindi diwas essay interesting facts about hindi speech

World Hindi Day 2023 : राष्ट्रीय हिंदी दिवस से अलग है विश्व हिंदी दिवस, जानें हिंदी की 10 रोचक बातें

World Hindi Day 2023 : आज दुनिया विश्व हिंदी दिवस ( World Hindi Day )  मना रही है। हर वर्ष 10 जनवरी को विश्‍व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए इसे मनाया जाता है। आज प्रतियोगिताएं भी होती हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 10 Jan 2023 07:57 AM
share Share

Hindi Diwas 2023: आज दुनिया विश्व हिंदी दिवस (  World Hindi Day )  मना रही है। हर वर्ष 10 जनवरी को विश्‍व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए इसे मनाया जाता है। वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के अलावा हिंदी को लेकर दुनियाभर के तमाम देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए भी विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि विश्व हिंदी दिवस और हिंदी दिवस में अंतर है। भारत में हिंदी दिवस 14 सितंबर को होता है। वहीं हर साल विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। दोनों दिनों का मकसद हिन्दी को प्रोत्साहित करना है। विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर इसे बढ़ावा देना है। 

14 सितंबर के दिन 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने का फैसला किया था। इस दिन की याद में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। जबकि विश्व हिंदी दिवस का मकसद विश्व में हिंदी को बढ़ावा देना है। 10 जनवरी, 2006 को भारत सरकार ने इसे विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में किया गया था। अभी तक पोर्ट लुईस, स्पेन, लंदन, न्यूयॉर्क, जोहानसबर्ग आदि सहित भारत में विश्व हिन्दी सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है। 

कोई भी हिन्दुस्तानी जहां भी हो, दूसरे हिंदुस्तानी से हिन्दी भाषा के जरिए ही अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है। अपनी दिल और मन की बात अगर किसी भाषा में सहजता से की जा सकती है तो वो हिंदी ही है। हिंदी केवल हमारी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है।

हिन्‍दी से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें
1. इंग्लिश और मंदारिन के बाद हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। 

2. दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी (शब्दकोश) हर साल भारतीय शब्दों को जगह दे रही है। ऑक्सफोर्ड ने आत्मनिर्भरता, चड्डी, बापू, सूर्य नमस्कार, आधार, नारी शक्ति और अच्छा शब्द को भी अपने प्रतिष्ठित शब्दकोश में जगह दी है। साल 2017 में ऑक्सफोर्ड ने करीब 70 भारतीय शब्दों को शामिल किया था, जिनमें 33 से ज्यादा हिंदी थे। ‘अरे यार!’, भेलपूरी, चूड़ीदार, ढाबा, बदमाश, चुप, फंडा, चाचा, चौधरी, चमचा, दादागीरी, जुगाड़, पायजामा, कीमा, पापड़, करी, चटनी, अवतार, चीता, गुरु, जिमखाना, मंत्र, महाराजा, मुग़ल, निर्वाण, पंडित, ठग, बरामदा जैसे शब्द पहले से शामिल हैं। 

3. दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।

4. भारत के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, नेपाल, फिजी, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है। 

5. हिंदी में उच्चतर शोध के लिए भारत सरकार ने 1963 में केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना की। देश भर में इसके आठ केंद्र हैं।

6. अभी विश्‍व के सैंकड़ों विश्‍वविद्यालयों में हिन्‍दी पढ़ाई जाती है और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिन्‍दी बोलते हैं। अमेरिका में लगभग एक सौ पचास से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी का  पठन-पाठन हो रहा है।

7. इस वर्ष की हिंदी दिवस की थीम है 'हिंदी को जनमत की भाषा बनाना, बगैर उनकी मातृभाषा की महत्‍ता को भूले।'  

8. भारत, फिजी के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूगांडा, सिंगापुर, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत, दक्षिण अफ्रीका, सूरीनाम ,यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है। 

9.  हिंदी का नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि। फारसी बोलने वाले तुर्क जिन्होंने गंगा के मैदान और पंजाब पर आक्रमण किया, 11वीं शताब्दी की शुरुआत में सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ नाम दिया था। यह भाषा भारत की आधिकारिक भाषा है और संयुक्त अरब अमीरात में एक मान्यता प्राप्त अल्पसंख्यक भाषा है।

10. मत बंटने से हिंदी नहीं बन पाई देश की राष्ट्रभाषा
राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने हिन्‍दी को जनमानस की भाषा कहा था। वह चाहते थे कि हिन्दी राष्ट्रभाषा बने। उन्‍होंने 1918 में आयोजित हिन्‍दी साहित्‍य सम्‍मेलन में हिन्‍दी को राष्‍ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था। आजादी मिलने के बाद लंबे विचार-विमर्श के बाद आखिरकार 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में हिन्‍दी को राज भाषा बनाने का फैसला लिया गया। हिन्दी का राष्ट्रभाषा बनाए जाने के विचार से बहुत से लोग खुश नहीं थे। कइयों का कहना था कि सबको हिंदी ही बोलनी है तो आजादी के क्या मायने रह जाएंगे। ऐसे में हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं बन सकी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें