Hindi Newsकरियर न्यूज़Will not allow any final year examinations of professional or non-professional courses : Maharashtra state reiterates in HC

फाइनल ईयर की परीक्षा कराने की अनुमति नहीं दी जा सकती: महाराष्ट्र सरकार

यूजीसी की गाइडलाइंस के बावजूद महाराष्ट्र सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं न कराने के अपने रुख पर कायम है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपने फैसले को दोहराते हुए कहा कि...

Pankaj Vijay केएवाई दोधिया, एचटी, नई दिल्लीFri, 17 July 2020 02:50 PM
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यूजीसी की गाइडलाइंस के बावजूद महाराष्ट्र सरकार राज्य के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं न कराने के अपने रुख पर कायम है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपने फैसले को दोहराते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की स्थिति में वह किसी भी फाइनल ईयर प्रोफेशनल कोर्स या नॉन-प्रोफेशनल कोर्स की परीक्षा कराने की अनुमति नहीं देगी। राज्य सरकार ने परीक्षा रद्द करने और परीक्षा आयोजित करने को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई की बेंच को अपने निर्णय से अवगत कराया। आपको बता दें कि यूजीसी ने रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी कर कहा था कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं अनिवार्य हैं। सितंबर के अंत तक सभी  यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं करानी हैं।

एक याचिकाकर्ता के वकील डॉ. उदय वरुन्जिकर ने कहा कि परीक्षा का आयोजन न करके स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ समझौता किया गया है। ऐसे में उनके हितों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त दिशा निर्देश जारी किए जाने चाहिए। 

महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (एमयूएचएस) के एडवोकेट राजशेखर गोविलकर ने कहा पोस्ट ग्रेजुएट एग्जाम का आयोजन किया जाना था क्योंकि उसमें स्टूडेंट्स की स्किल देखनी जरूरी है। अब वह एग्जाम 25 अगस्त से होंगे। अंडरग्रेजुएट एग्जाम को लेकर फैसला अभी लिया जाना है। 

एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट कुलदीप निकम ने 3 अगस्त से शुरू होने जा रहे डेंटल कोर्स एग्जाम से अंतरिम राहत की मांग की।  कुलदीप निकम ने कहा कि या तो एग्जाम रद्द होने चाहिए या फिर वह ऑनलाइन होने चाहिए। 

कई याचिकाओं के चलते किसी तरह की कंफ्यूजन से बचने के लिए एडवोकेट जनरल आशुतोष कुम्भकोनी ने कहा कि सभी याचिकाओं, जनहित याचिकाओं, हस्तक्षेप के आवेदनों को एक साथ कंपाइल किया जाना चाहिए ताकि कोर्ट इन पर निर्देश जारी कर सके। 

कोर्ट ने राज्य के सुझाव को स्वीकार करते हुए सभी पक्षों को मंगलवार तक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी। 

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