UPPSC PCS : मथुरा के विशाल सारस्वत ने दूसरे प्रयास में किया पीसीएस टॉप, बताया कैसे मिली सफलता
उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज पीसीएस-2019 के अंतिम परीक्षा परिणाम में मथुरा के विशाल सारस्वत ने उत्तर प्रदेश टॉप करते हुए जनपद का नाम रोशन किया है। वह बेहद साधारण परिवार से है। उसके पिता पुजारी हैं और...
उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज पीसीएस-2019 के अंतिम परीक्षा परिणाम में मथुरा के विशाल सारस्वत ने उत्तर प्रदेश टॉप करते हुए जनपद का नाम रोशन किया है। वह बेहद साधारण परिवार से है। उसके पिता पुजारी हैं और पांडित्य कर्म कराते हैं। दादी समेत अपने पूरे परिवार को श्रेय देते हुए विशाल कहते हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य उनकी प्राथमिकता में हमेशा रहेंगी।
मथुरा के कंकाली मंदिर स्थित प्रकाश नगर निवासी विशाल सारस्वत ने वर्ष 2011 में हाईस्कूल की परीक्षा महाराष्ट्र में अपनी बुआ के पास रहकर उत्तीर्ण की थी। इसके बाद उन्होंने एटा के सेंटपॉल स्कूल से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। इसके बाद विशाल मथुरा अपने माता-पिता के पास आ गए। यहां उन्होंने बीएसए कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और केआर डिग्री कालेज से अर्थशास्त्र में एमए किया। विशाल का मन शुरू से ही प्रशासनिक सेवाओं में जाने का था। प्रदेश की सर्वोच्च प्रशासनिक सेवा हमेशा उन्हें प्रभावित करती रहती थी। इसके चलते उसने सिविल परीक्षा की तैयारी शुरु कर दी।
विशाल घर पर रहकर ही रात-दिन पढ़ाई करते थे। उन्होंने ये सफलता दूसरे प्रयास में अर्जित की। पहली बार 2018 में पीसीएस की परीक्षा दी, लेकिन इंटरव्यू तक पहुंच सके। विशाल ने लगन से प्रयास जारी रखा। पुन: 2019 में पीसीएस मेन की परीक्षा दी। दिसंबर में परिणाम में उन्हें आशातीत सफलता मिली थी। यहां से विशाल का उत्साह और बढ़ गया। इसके बाद इंटरव्यू में अब विशाल को सफलता मिली है। बुधवार को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ तो वे लखनऊ में अपनी बड़ी बहन के घर पर थे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उसने प्रदेश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। विशाल के बड़े भाई इसरो बेंगलुरू में कार्यरत हैं। विशाल के पिता शिव प्रकाश सारस्वत, प्रकाश नगर में रहते हैं। मां का नाम राजेश्वरी सारस्वत है। विशाल ने बताया कि उनकी सफलता में शिक्षक संघ के अध्यक्ष अतुल सारस्वत का बड़ा योगदान है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था।
पांडित्य कर्म करते हैं पिता
विशाल सारस्वत बेहद मध्यम परिवार से ताल्लुक रखता है। मूल रूप से हाथरस निवासी विशाल के पिता शिवप्रकाश सारस्वत पांडित्य का कार्य करते हैं। विवाह-शादियां कराने के साथ-साथ शुभ कार्यों में हवन-पूजन कराना उनका मुख्य पेशा है। विशाल कहते हैं कि उनको इस मुकाम तक पहुंचाने में परिवार की सबसे बड़ी भूमिका है। परिवार ने कभी उसे हताश नहीं होने दिया। उसका पसंदीदा विषय अर्थशास्त्र रहा है।
खुशी से झूम उठीं विशाल की दादी
विशाल की इस सफलता से बेहद खुश दिखाई दीं उनकी 90 वर्षीय दादी कमला देवी। विशाल ने बताया कि वह घर में सबसे ज्यादा अपनी दादी का ही चहेते हैं। वर्ष 2018 में जब वह पीसीएस में सफल नहीं हो सके तो दादी ने ही सबसे ज्यादा उत्साह बढ़ाया। उनका मनोबल आज दादी की वजह से ही ऊंचा है। दादी कहती हैं कि मेहनत की है तो सफलता जरूर मिलेगी।
विशाल को अब आईएएस का इंतजार
पीएसएस में यूपी टॉप करने वाले विशाल सारस्वत को अब आईएएस मेन्स के परीक्षा परिणाम का इंतजार है। वह जब कक्षा आठवीं में था, तभी से आईएएस अफसर बनने की तमन्ना था। विशाल इस सफलता से बेहद खुश है, लेकिन वह चाहता है कि आईएएस बनकर देश की सेवा में अपना योगदान दे। मूल रूप से हाथरस के नगला केसो निवासी विशाल का जन्म यहां 25 जून 1995 को हुआ था। जब वह चार वर्ष का था, तब उसे उसकी बुआ अपने साथ अहमदनगर (पूना) ले गयी। विशाल का बचपन अपनी बुआ के साथ ही बीता। उसने वहीं से अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी ग्रहण की। बचपन से ही बेहद सीधे और सरल स्वभाव का विशाल जब आठ वर्ष का था, तब से ही यह कहता था कि मुझे आईएएस अफसर बनना है। उसके पिता शिव प्रकाश ने बताया कि वे उसकी इन बातों को सुनकर चौंकते थे कि इतनी कम उम्र में विशाल को आईएएस का ज्ञान कैसे है? विशाल ने अहमदनगर से ही हाईस्कूल पास किया।
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