कैट का फैसला: बीएड स्पेशल और बीएड दोनों डिग्री अब एक समान, लाखों युवाओं के शिक्षक बनने के खुलेंगे रास्ते
न्यायाधिकरण के इस फैसले से देशभर के बीएड स्पेशल डिग्री धारक करीब एक लाख युवाओं विशेष शिक्षक बनने के साथ-साथ अब उनके लिए समान्य शिक्षक बनने के रास्ते खुल सकते हैं।
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि बीएड स्पेशल और बीएड दोनों डिग्री एक समान है। न्यायाधिकरण ने यह फैसला देते हुए कहा कि ऐसे में बीएड स्पेशल डिग्री धारक भी सामान्य शिक्षक बनने के योग्य हैं।
न्यायाधिकरण के इस फैसले से देशभर के बीएड स्पेशल डिग्री धारक करीब एक लाख युवाओं विशेष शिक्षक बनने के साथ-साथ अब उनके लिए समान्य शिक्षक बनने के रास्ते खुल सकते हैं।
न्यायाधिकरण के सदस्य जस्टिस आर.एन. सिंह और तरुण श्रीधर की पीठ ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) के उस निर्णय को रद्द कर दिया है जिसमें उमा रानी को शिक्षक (टीजीटी हिंदी) के लिए आयोग्य ठहरा दिया था। पीठ ने सभी तथ्यों पर विचार करते हुए कहा कि बीएड स्पेशल और बीएड दोनों डिग्री एक समान है, ऐसे में याचिकाकर्ता महिला को टीजीटी हिंदी यानी समान्य शिक्षक बनने के लिए अयोग्य नहीं ठहरा सकते हैं। पीठ ने कहा, यदि महिला सफल हुई हैतो उसे नियुक्त करें।
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