वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह: बदलाव के लिए सोच बदलनी होगी- राज्यपाल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि बदलाव के लिए सोच बदलनी होगी। इसके लिए प्राथमिक स्तर से ही शिक्षा पर बल दिया जाना चाहिए तभी समाज में...
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि बदलाव के लिए सोच बदलनी होगी। इसके लिए प्राथमिक स्तर से ही शिक्षा पर बल दिया जाना चाहिए तभी समाज में असंतुलन खत्म होगा। उन्होंने स्वर्ण पदक पाने वाले 65 मेधावियों और 95 पीएचडी धारकों को सम्मानित किया। इसके साथ ही 51 परिषदीय स्कूली बच्चों को बैग भेंट किये गये। कार्यक्रम की शुरुआत सीडीएस विपिन रावत समेत अन्य अधिकारियों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।
विश्वविद्यालय परिसर स्थित महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को 25 वें दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता करती हुईं राज्यपाल श्रीमती आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि शिक्षा में बदलाव के कारण ही आज लड़के और लड़कियों के अनुपात में कमी आयी है। इनका अनुपात पहले 1000 लड़कों पर 927 लड़कियों की थी व अब बढ़कर 1027 हो गयी है। हालांकि उन्होंने कहा कि तेजी से असंतुलन चिंता का विषय भी है।
समारोह में मुख्य अतिथि एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो. जे. एस. राजपूत ने कहा कि विश्व में वही देश अग्रणी रहेगा जिसके पास बौद्धिक संपदा होगी। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों का आह्वान किया किया कि विभिन्न क्षेत्रों में फैलकर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि अध्यापन, मनन, चिंतन और उपयोग चार विधियां हैं जो नयापन को प्रेरित करती हैं। गोल्ड मेडल और पीएचडी धारक की उपाधि पाने वालों का आह्वान किया कि चरित्र के निर्माण में अपनी शिक्षा का उपयोग करें।
कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्या ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को अतिथियों के साथ प्रस्तुत किया। साथ ही उपाधि पाने वालों की योग्यता का सत्यापित किया।
कार्यक्रम की शुरूआत शैक्षणिक शोभा यात्रा के साथ शुरू हुई। संचालन डा. मनोज कुमार मिश्र ने किया। इस अवसर पर कार्यपरिषद, विद्वत परिषद सदस्यों के अलावा तमाम अतिथिगण मौजूद थे।
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