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उत्तर प्रदेश में 10 मेडिकल कालेज और बनेंगे, बढ़ेंगी एक हजार एमबीबीएस सीटें

प्रदेश में सात और नए मेडिकल कालेज बनेंगे। इनमें 100-100 एमबीबीएस सीटों पर पढ़ाई शुरू होगी। सात मेडिकल बनाए जाने को मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ये मेडिकल कालेज सुलतानपुर, चंदौली, अमेठी,...

Anuradha Pandey राज्य मुख्यालय, प्रमुख संवाददाता Wed, 2 Oct 2019 09:24 AM
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प्रदेश में सात और नए मेडिकल कालेज बनेंगे। इनमें 100-100 एमबीबीएस सीटों पर पढ़ाई शुरू होगी। सात मेडिकल बनाए जाने को मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ये मेडिकल कालेज सुलतानपुर, चंदौली, अमेठी, बुलंदशहर औरेया, सोनभद्र और गोंडा में बनेंगे। इसके अलावा लखीमपुर, पीलीभीत और ललितपुर तीन जिलों में  में मेडिकल कालेज बनाने को सामान्य स्वीकृति दी गई है।

ये सभी मेडिकल कालेज केन्द्र सरकार की योजना के तहत जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके बनेंगे। प्रस्तावित मेडिकल कालेजों के निर्माण में ही अभी दो साल लगेगा। इन मेडिकल कालेजों के निर्माण में करीब 325 करोड़ रुपये लागत आएगी। इसमें 60 फीसदी का केन्द्र  40 फीसदी का अंशदान प्रदेश सरकार करेगी।  । चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर इन मेडिकल कालेजों के लिए जमीन भी ढूंढ ली गई है।    
 

इन जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर बनाए जाने वाले इन मेडिकल कालेजों के लिए शर्त यह है कि  जिला अस्पतालों में 300 बेड जरूर हों। इसके साथ ही मेडिकल कालेज की जमीन की दूरी जिला अस्पताल से 10 किलोमीटर से ज्यादा न हो। जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज के पास 20 एकड़ जमीन जरूर होनी चाहिए। 

सुलतानपुर मेडिकल कालेज के लिए तहसील सदर में ग्राम दुबेपुर में जमीन तलाशी गई है। इसके बन जाने से सुलतानपुर वासियों को वाराणसी और केजीएमयू ट्रामा सेंटर नहीं आना पड़ेगा। चंदौली में ग्राम बरठी में जमीन तलाशी गई है। इससे वाराणसी वाराणसी ट्रामा सेंटर व प्रयागराज मेडिकल कालेज का भार कम होगा। एनएच-2 पर होने वाली दुर्घटनाओं में तुरन्त इलाज मिलेगा। अमेठी मेडिकल कालेज के लिए तिलोई तहसील के गांव तिलोई में जमीन ढूंढी गई। यहां मेडिकल कालेज बन जाने से अमेठी के लोगों को लखनऊ केजीएमयू व पीजीआई नहीं आना पड़ेगा। गोंडा में छावनी सरकार गांव में जमीन ली गई है। गोंडा वालों को भी केजीएमयू व पीजीआई नहीं आना पड़ेगा। बुलंदशहर में तहसील सदर के गांव चांदपुर में जमीन चिन्हित की गई है। औरैया में सदर तहसील के गांव सेहुद में जमीन तलाशी गई है। सोनभद्र मेडिकल कालेज के लिए तहसील राबटर्सगंज में जमीन ली गई है। इन सभी मेडिकल कालेजों की जमीनों को चिकित्सा शिक्षा विभाग को निशुल्क हस्तांतरित किए जाने की मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है। कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कहा कि जहां एक तरफ 70 साल में 13 मेडिकल कालेज बने वहीं अब 27 मेडिकल कालेज का निर्माण शुरू हो चुका है। 
 

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