उर्दू टीईटी : अभ्यर्थियों की नौकरी के साथ रिश्ते की आस भी टूट रही
उर्दू टीईटी अभ्यर्थी शबाना को जब रिजल्ट मिला तो उनकी शादी तय हो गई, लेकिन नियोजन के पहले उनके रिजल्ट को बिहार बोर्ड ( Bihar Board ) ने रद्द कर दिया। इसके बाद रिजल्ट दोबारा मिलने की आस रही। अब शबाना...
उर्दू टीईटी अभ्यर्थी शबाना को जब रिजल्ट मिला तो उनकी शादी तय हो गई, लेकिन नियोजन के पहले उनके रिजल्ट को बिहार बोर्ड ( Bihar Board ) ने रद्द कर दिया। इसके बाद रिजल्ट दोबारा मिलने की आस रही। अब शबाना की उम्र नियोजन के लिए बस एक महीने बची है। ऐसे में उनकी शादी का रिश्ता भी टूट गया और नौकरी मिलने की आस भी खत्म हो रही है। यह स्थिति कोई एक उर्दू टीईटी महिला अभ्यर्थियों की नहीं है बल्कि सैकड़ों अभ्यर्थियों की उम्र एक से दो महीने में खत्म हो जाएगी।
ज्ञात हो कि बिहार बोर्ड द्वारा 2012 में उर्दू बांग्ला स्पेशल टीईटी परीक्षा ली गई थी। कुल 26 हजार उत्तीर्ण हुए थे। उत्तीर्ण होने के बाद नियोजन के लिए आवेदन करवाया गया। मेरिट लिस्ट भी जारी हुआ, लेकिन नियोजन के 20 दिन पहले बिहार बोर्ड ने 12 हजार अभ्यर्थियों के रिजल्ट को रद्द कर दिया। इसके बाद से ये अभ्यर्थी हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके है। इनके पक्ष में फैसला भी आया है।
उर्दू बांग्ला टीईटी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती हसन रजा अमजदी ने बताया कि अप्रैल 2019 में उर्दू दिवस के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 हजार अभ्यर्थियों के संबंध में कठिनाई को दूर कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक साल होने के बाद भी शिक्षा विभाग ने कुछ नहीं किया।
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