UPSSSC से होनी थी कॉलेजों में बाबुओं की भर्ती, महाविद्यालयों को परमिशन पर उठे सवाल
यूपी के कॉलेजों में ग्रुप सी भर्ती के लिए उच्च शिक्षा विभाग धड़ल्ले से अनुमति दे रहा है। पिछले तकरीबन एक दशक से नियुक्ति पर रोक लगी थी। इन नियुक्तियों के लिए अच्छी-खासी रकम वसूली के आरोप लगते रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में ग्रुप सी या बाबुओं की भर्ती के लिए उच्च शिक्षा विभाग धड़ल्ले से अनुमति दे रहा है। पिछले तकरीबन एक दशक से नियुक्ति पर रोक लगी थी। कुछ महाविद्यालयों की प्रबंध समिति को हाईकोर्ट के आदेश पर अनुमति मिली और फिर धीरे-धीरे करके दूसरे कॉलेजों को भी परमिशन मिलने लगी है। बुधवार को ही कानपुर के एक कॉलेज में 21 पदों पर नियुक्ति की अनुमति दी गई है।
ये भर्तियां उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होनी थी, लेकिन प्रबंधक अधियाचन भेजने की बजाय कोर्ट पहुंच गए। अल्पसंख्यक कॉलेज गैर शैक्षणिक के साथ शैक्षणिक पदों पर पहले से भर्ती करते आ रहे हैं। दो अगस्त को उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अफसरों के साथ बैठक कर 900 से अधिक पदों पर नियुक्ति की अनुमन्यता जारी की थी। हालांकि पूर्व में प्रबंधकों की मनमानी के कारण बाबुओं की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी।
इन नियुक्तियों के लिए अच्छी-खासी रकम वसूली के आरोप लगते रहे हैं। इस मसले पर उच्च शिक्षा विभाग का कोई अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
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