UPSESSB TGT : टीजीटी भर्ती वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नया पैनल बनाने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टीजीटी की प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों की नियुक्तियों में अनियमितता को देखते हुए प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नया पैनल गठित करने का निर्देश दिया है।
UPSESSB TGT : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक भर्ती (टीजीटी) की प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों की नियुक्तियों में अनियमितता को देखते हुए प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों के लिए नया पैनल गठित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूरे प्रदेश में सभी संस्थानों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां इसी पैनल से करने को कहा है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचा जा सके। कोर्ट ने इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी करते हुए भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के लिए भी प्रतीक्षा सूची वाले अभ्यर्थियों के लिए फार्मूला तय कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने मनोज कुमार पांडेय की याचिका पर अधिवक्ता आलोक मिश्र व अन्य को सुनकर दिया है। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को व्यापक निर्देश देते हुए कहा कि निदेशालय व बोर्ड अपनी-अपनी वेबसाइट में रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की नियुक्ति से संबंधित सूचना सात अक्तूबर तक अपलोड कर दें। वेबसाइट पर बोर्ड व निदेशालय विषय और वर्ग के अनुसार सभी जानकारी 15 अक्तूबर तक अपलोड करें। यह जानकारी अपलोड होने के बाद बोर्ड प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को रिक्त पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव उनके विषय में वर्ग के अनुसार दे।
कोर्ट ने कहा कि बोर्ड अपनी वेबसाइट पर चिह्नित रिक्त पदों का पूरा चार्ट दे, जिसमें विशेष रूप से उन पदों की जानकारी दी जाएगी, जो भरे जाने से रह गए हैं। यदि कोई विशेष पद किसी अंतरिम आदेश के कारण रिक्त रखा गया है तो 15 नवंबर तक उसकी भी जानकारी देनी होगी। इसके बाद प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को नए सिरे से उनकी पसंद के संस्थान व जिले के बारे में जानकारी देनी होगी। बोर्ड अभ्यर्थियों द्वारा दी गई जानकारी उनकी ईमेल आईडी व मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर्ड कर देगा। एक बार अभ्यर्थी की च्वाइस रजिस्टर्ड हो जाने के बाद उसमें परिवर्तन की गुंजाइश नहीं होगी। अभ्यर्थियों को अपनी च्वाइस रजिस्टर कराने के लिए तीन दिन का समय दिया जाएगा।यह कार्य 28 से 30 नवंबर तक पूरा करना है। ये सभी सूचनाएं पूरी होने के बाद बोर्ड पैनल वन का गठन करेगा और इसकी सूचना दो सप्ताह के भीतर सभी जिलों के डीआईओएस को उपलब्ध करानी होगी। डीआईओएस यह सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित संस्थान और अभ्यर्थी को पत्र भेजकर करेंगे।
इस प्रकार नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। कोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया 15 अप्रैल 2023 तक पूरी करने का निर्देश दिया है। इसके बाद सभी जिलों के डीआईओएस अपने जिले में उपलब्ध रिक्तियों की फिर से समीक्षा करेंगे। इसके बाद भी पद रिक्त रह जाते हैं तो इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए पैनल टू का भी गठन किया जाए। जब तक सभी पद भर नहीं जाते है, यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कोर्ट ने कहा कि यही फार्मूला आगे भी प्रचलित नियुक्तियों में अपनाया जाए।
याचिका में कहा गया था कि टीजीटी परीक्षा परिणाम की प्रतीक्षा सूची में याची को 40वें स्थान पर रखा गया था। 1050 रिक्तियों के सापेक्ष चयनित अभ्यर्थियों में से कइयों ने ज्वाइन नहीं किया। इसके बाद रिक्त पदों पर प्रतीक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों नियुक्ति दी जानी चाहिए लेकिन प्रतीक्षा सूची से नियुक्ति दिए जाने में संस्थान व संबंधित जिलों के डीआईओएस मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। प्रतीक्षा सूची की मेरिट का ध्यान रखे बिना अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जा रही है। पूरे प्रदेश के संस्थानों की नियुक्तियों के लिए कोई एक फार्मूला न होने के कारण अधिकारी और संस्थान मनमाने तरीके से काम कर रहे हैं। इसके मद्देनजर कोर्ट ने विस्तृत फार्मूला तय किया है, जिसके तहत नियुक्तियां करनी होंगी।
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