UPSESSB और UPHESC नहीं किए गए भंग, साढ़े चार साल में नहीं बन पाया शिक्षा सेवा चयन आयोग
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा तो हो गई लेकिन प्रदेश में परिषदीय स्कूलों से लेकर अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों तक में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग साढ़े चार...
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा तो हो गई लेकिन प्रदेश में परिषदीय स्कूलों से लेकर अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों तक में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग साढ़े चार साल की तमाम कोशिशों के बावजूद अस्तित्व में नहीं आ सका। युवाओं को समय से नौकरी मिलने का सपना भी अधूरा रह गया। मार्च 2017 में सरकार बनने के बाद ही शिक्षकों की भर्तियों के लिए एक आयोग के गठन की कवायद शुरू हुई थी। इसके लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का विलय करने का निर्णय लिया गया था।
उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के विलय के लिए पहली बैठक 19 जुलाई 2017 को लखनऊ में हुई थी। इसके बाद चयन बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष हीरालाल गुप्ता और उच्चतर के अध्यक्ष प्रभात मित्तल ने इस्तीफा दे दिया था। सदस्यों से भी इस्तीफे ले लिए गए थे। लेकिन उसके बाद नये आयोग के गठन की प्रक्रिया धीमी पड़ गई। दोनों आयोगों की भर्तियां ठप होने पर छात्रों ने दबाव बनाया। इसके बाद सरकार ने चार फरवरी 2018 को प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा को उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का अध्यक्ष और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वीरेश कुमार को 8 अप्रैल 2018 को चयन बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया।
सरकार के विश्वासपात्र लोगों को ही इन आयोगों का सदस्य बनाया गया। उसके बाद भर्ती प्रक्रिया पूर्व की तरह शुरू हो गई। फिर 10 जनवरी 2020 को उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी, चयन बोर्ड की सचिव कीर्ति गौतम, उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक राजीव पांडेय, माध्यमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक भगवती सिंह और बेसिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक गणेश कुमार के हस्ताक्षर से उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग नियमावली 2019 अधिसूचित की गई। लेकिन उसके बाद से फिर प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
इन संस्थाओं में भर्ती का मिलता अधिकार
- परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक
- सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल और संबद्ध प्राइमरी में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक
- सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय व संबद्ध प्राइमरी में सहायक अध्यापक व प्रधानाध्यापक
- सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता व प्रधानाचार्य
- अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर और प्राचार्य
- अशासकीय सहायता प्राप्त हाईस्कूल, इंटर कॉलेज व महाविद्यालयों में लिखित परीक्षा के आधार पर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का चयन
कई कनिष्ठ और वरिष्ठ सहायकों का भी ट्रांसफर
शिक्षा विभाग के प्रदेशभर के कार्यालयों में कार्यरत कई क्लर्कों का भी तबादला हुआ है। इनका स्थानान्तरण आदेश भी अपर निदेशक बेसिक शिक्षा ललिता प्रदीप की ओर से सात जनवरी की तारीख में जारी हुआ है। हालांकि सूची शनिवार देररात और रविवार सुबह से व्हाट्सएप ग्रुपों पर वायरल हुई।
400 से अधिक खंड शिक्षाधिकारियों का तबादला
चुनाव की घोषणा के साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत 400 से अधिक खंड शिक्षाधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। निर्वाचन आयोग ने 31 अक्तूबर को किसी जिले में तीन साल से अधिक समय से कार्यरत अधिकारियों का तबादला दूसरे जिले में करने के आदेश दिए थे। शनिवार को अधिसूचना जारी के बाद अपर निदेशक बेसिक ललिता प्रदीप ने देर रात 400 खंड शिक्षाधिकारियों के तबादले के आदेश जारी कर दिए। हालांकि तबादला आदेश पर सात जनवरी की तारीख लिखी है। ट्रांसफर होने वाले अधिकारी परेशान हैं कि आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में एक जिले से कार्यमुक्त होना और दूसरे जिले में कार्यभार ग्रहण करना मुमकिन नहीं। वहीं साढ़े चार साल से प्रयागराज के जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा समेत कई अन्य अफसर तबादले से बचे हुए हैं।
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