UPSC IAS : 18 लाख पैकेज की नौकरी छोड़ी, पहली बार में रितुराज ने क्रैक की UPSC CSE Exam 2021, आपके भी काम आएंगे इनके success mantra
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा के क्रैज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि मैनपुरी के रितुराज ने अपनी लगी लगाई 18 लाख की नौकरी छोड़ दी और दिल्ली में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा के क्रैज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि मैनपुरी के रितुराज ने अपनी लगी लगाई 18 लाख की नौकरी छोड़ दी और दिल्ली में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने लगे। सिविल सर्विस परीक्षा को लेकर इनका जुनून यही खत्म नहीं हुआ, इन्होंने 2021 में सिविल सर्विस परीक्षा पहले ही प्रयास में क्रैक कर ली और ऑल इंडिया 296 रैंक हासिल की।
अब बात करते हैं रितुराज की पूरी जर्नी की। रितुराज ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की, उनका चयन भी रिलायंस रिफाइनरी जामनगर गुजरात में हो गया। उन्हें मेंटेनेंस इंजीनियर का पद मिला और 18 लाख का सालाना पैकेज, लेकिन उनके अंदर अभी भी सिविल सर्विस में जाने की इच्छा थी। एक साल नौकरी करने के बाद उन्होंने सिविल सर्विस में जाने के लिए नौकरी छोड़ दी और दिल्ली आकर सिविल सर्विस की तैयारी करने लगे।
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के नांगला बूचा के रहने वाले रितुराज की स्कूली शिक्षा सुदिति ग्लोबल एकेडमी 2012 में हुई और इन्होंने सीनियर सैकेंडरी स्कूल सीआरबी स्कूल मैनपुरी से 2014 में पूरा किया। इसके बाद रितुराज एनआईटी गुजरात, बीटेक की पढ़ाई के लिए चले गए और 2-019 में इन्होंने बीटेक की डिग्री ली। 2020 में इन्हें जामनगर में रिलायर रिफाइनरी में मेंटेनेंस इंजीनियर की नौकरी मिल गई।
रितराज बताते हैं कि इनके पिता चाहते थे कि वे एक आईएएस ऑपिसर बनें। लेकिन नौकरी के साथ पढ़ाई करना उन्हें मुश्किल लगा, इसलिए उन्होंने एक साल नौकरी करने के बाद नौकरी छोड़ दी।
इनके पिता सतीश चंद्र यादव शिक्षा के क्षेत्र से हैं और कासिमगंज में एक मिडिल स्कूल में स्कूल टीचर हैं। इनके भाई जो आईआईटी से पढ़ाई कर चुके हैं, वे भी अब सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं।
रितुराज के सफलता के ये पांच मंत्र
12वीं क्लास से ही अपने जीवन में सिविल सर्विस को अपना लक्ष्य तय कर लें और दिलोजान से उसकी तैयारी में जुट जाएं।
पूरा ध्यान केंद्रित होकर पढ़ाई करें।
कभी छोटी सी हार से अपनी आशा और धैर्य को खत्म न होने दें। अपना जुनून जारी रखें।
अपने अंदर की ताकत को पहचानें।
जिदंगी में मेहनत और चीजों को सहने की क्षमता जरूर होनी चाहिए।
अपनी पर्सेनेल्टी को सुधारने के लिए कोशिश करते रहें।
रोज 9-10 घंटे की पढ़ाई करने की कोशिश करें।
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