UPSC IAS : 3 बार प्रीलिम्स और 3 बार मेन्स में फेल, 7वें प्रयास में क्रैक किया यूपीएससी, बताई अपनी गलती
UPSC : गौतम की मेहनत काफी सीख देने वाली है। उन्होंने मार्कशीट शेयर कर लिखा- 'यह बेहद संतोषजनक क्षण था जब मैंने अपनी यूपीएससी मार्कशीट देखी... यह धैर्य, दृढ़ता और योजना का परिणाम था।'
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कई बार असफल होने के बाद निराश हताश हो चुके युवाओं को गौतम सिंह की कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। अपने 7वें प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले गौतम सिंह की कहानी कई सालों से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को यह बताती है कि इस राह पर धैर्य, लगातार मेहनत, लगन, खुद पर भरोसा रखने की कितनी जरूरत होती है। यूपी के जालौन के रहने वाले गौतम ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 549वीं रैंक हासिल की। लखनऊ सैनिक स्कूल से पढ़ाई के बाद उन्होंने बीबीडी कॉलेज, लखनऊ से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक किया।
सिविल सर्वेंट बनने की गौतम की यात्रा बेहद दिलचस्प और सीख देने वाली है। उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट वर्ष 2015 में दिया। वह 6 नंबर से प्रीलिम्स में रह गए। 2016 में दूसरे प्रयास में भी प्रीलिम्स में फेल हो गए, इस बार वह 1.5 मार्क्स से चूके। तीसरे प्रयास 2017 में में प्रीलिम्स पास हुआ लेकिन मेन्स की कटऑफ को 130 मार्क्स से मिस किया। चौथे प्रयास 2018 में भी मेन्स में फेल हुए, मेन्स की कटऑफ 100 मार्क्स से मिस की। पांचवें प्रयास 2019 में मेन्स की कटऑफ में 7 मार्क्स से चूक गए। छठे प्रयास में तगड़ा झटका लगा, प्रीलिम्स तक निकल सका। प्रीलिम्स में 9 नंबर से फेल हो गए। 29 साल की उम्र में अपने सातवें प्रयास में 549वीं रैंक हासिल कर यूपीएससी क्रैक किया।
गौतम की संघर्ष की यात्रा के उतार चढ़ाव यूपीएससी अभ्यर्थियों को काफी सीख देने वाले हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी यूपीएसससी की मार्कशीट शेयर कर लिखा- 'यह बेहद संतोषजनक क्षण था जब मैंने अपनी यूपीएससी आईएएस मार्कशीट देखी... यह मेरे वर्षों के धैर्य, दृढ़ता और योजना का परिणाम था।' उन्होंने कहा कि फाउंडेशन कोर्स की कोचिंग न लेना उनकी बड़ी गलती थी। अगर किसी जेब इजाजत देती है तो उसे अच्छी कोचिंग लेनी चाहिए। गौतम ने विजन आईएएस की प्री व मेन्स टेस्ट सीरिज व वाजीराम की साइकोलॉजी टेस्ट सीरीज की मदद ली थी।
सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों को दिए ये टिप्स
- मुझे परीक्ष पास करने में 7 साल लग गए। आमतौर पर अच्छी गाइडेंस से इसे 2-3 प्रयासों में पास किया जा सकता है। एग्जाम से दो माह पहले तक 7-8 घंटे पढ़ता था। लेकिन इसके बाद रोजाना करीब 15-15 घंटे दिए।
- यह 7वां प्रयास था। निरंतर सुधार और अनुशासन ने मेरी प्रेरणा को उच्च स्तर पर रखा।
- रिविजन के लिए शॉर्ट नोट्स बनाने चाहिए ताकि एग्जाम से ठीक पहले उन्हें पढ़ा जा सके।
- फ्लोचार्ट व डायग्राम का इस्तेमाल करें।
- परस्पर विरोधी प्रश्नों के लिए पक्ष और विपक्ष में 4-4 प्वॉइंट तैयार करें। एक स्पष्ट विचार भी हो।
- करेंट अफेयर्स के लिए हिंदू व विजन आईएएस मंथली मैगजीन पढ़ सकते हैं।
- फंडामेंटल के लिए एनसीईआरटी जरूरी है।
- अपनी अध्ययन सामग्री सीमित रखें और उसे कई कई बार पढ़ें।
- कोई अटेम्प्ट देने से पहले पूरा सिलेबस जरूर कवर करें।
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