UPSC CSE : यूपीएससी अभ्यर्थी ने मांगी अपनी मेन्स आंसरशीट व मॉडल उत्तर, कोर्ट ने सुनाया यह फैसला
UPSC CSE: कोर्ट ने RTI के तहत दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें यूपीएससी परीक्षा में असफल एक उम्मीदवार ने मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को उनके मॉडल उत्तरों के साथ दिखाए जाने की मांग की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में असफल एक उम्मीदवार ने मुख्य परीक्षा के सभी सात प्रश्नपत्रों की उसकी उत्तरी पुस्तिकाओं को उनके मॉडल उत्तरों के साथ दिखाए जाने की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने उम्मीदवार की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उत्तर पुस्तिकाओं का खुलासा तभी किया जा सकता है जब जनहित में इस तरह के खुलासे की आवश्यकता हो, जो इस मामले में नहीं है। इससे पहले यह याचिका एकल न्यायाधीश द्वारा खारिज कर दी गई थी।
एक इंजीरियरिंग स्नातक याचिकाकर्ता ने यूपीएससी 2020 की प्रारंभिक परीक्षा दी थी और उसमें वह सफल रहा था तथा उसके बाद उसने मुख्य परीक्षा दी लेकिन उसमें असफल घोषित किया गया। इसके बाद, उसने मॉडल उत्तरों की एक प्रति के साथ अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को देखने के लिए एक आरटीआई आवेदन दायर किया, लेकिन एकल न्यायाधीश सहित अधिकारियों ने इसे अस्वीकार कर दिया।
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अपने आदेश में अदालत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने समक्ष एक मामले में इस मसले का निपटारा किया है और उम्मीदवारों को चेक की गईं उत्तर पुस्तिका दिखाने में आने वाली समस्याओं पर विचार किया है। अदालत ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा में अंकों के संबंध में मांगी गई जानकारी को मैकेनिकली पेश करने का निर्देश नहीं दिया जा सकता है।
अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक मूल्यांकन प्रक्रिया पर शक करने से इस परीक्षा के प्रति विश्वास और विश्वसनीयता को नुकसान होगा। मूल्यांकन मानकों की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
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