Hindi Newsकरियर न्यूज़upsc civil services exam: SC asks Center to consider one time relief on age limit

upsc civil services exam :SC ने केंद्र से आयु सीमा पर एक बार की राहत देने पर विचार करने को कहा

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र से कहा कि वह ऐसे यूपीएससी सिविल सेवा अभ्यर्थियों को आयु सीमा को लेकर एक बार की राहत के तौर पर अतिरिक्त मौका देने पर विचार करे, जो कोविड-19 महामारी के बीच 2020 की...

Anuradha Pandey एजेंसी, नई दिल्लीTue, 9 Feb 2021 09:19 AM
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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र से कहा कि वह ऐसे यूपीएससी सिविल सेवा अभ्यर्थियों को आयु सीमा को लेकर एक बार की राहत के तौर पर अतिरिक्त मौका देने पर विचार करे, जो कोविड-19 महामारी के बीच 2020 की परीक्षा में अपने अंतिम प्रयास में शामिल हुए थे। उनकी परीक्षा में बैठने की आयु सीमा समाप्त हो चुकी है।

इससे पहले केंद्र ने पांच फरवरी को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि वह ऐसे यूपीएससी सिविल सेवा अभ्यर्थियों को एक बार की राहत के तौर पर अतिरिक्त मौका देने पर सहमत है, जो कोविड-19 महामारी के बीच 2020 की परीक्षा में अपने अंतिम प्रयास में शामिल हुए थे और उनकी आयु सीमा समाप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा था,‘राहत खासतौर पर केवल सिविल सेवा परीक्षा-2021 (सीएसई) के लिए ऐसे अभ्यर्थियों तक ही सीमित रहेगी जोकि सीएसई-2020 में अपने अंतिम प्रयास में शामिल हुए थे और सीएसई-2021 में बैठने के लिए जिनकी आयु समाप्त नहीं हुई है। ऐसे अभ्यर्थियों को एक और बार परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।’

सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि आयु सीमा संबंधी शर्त को लेकर दिक्कत है क्योंकि इसके चलते खासतौर पर सबसे अधिक प्रभावित ऐसे अभ्यर्थी होंगे जोकि दिव्यांग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से संबंध रखते हैं। पीठ ने पाया कि महामारी के चलते असाधारण परिस्थिति थी और अधिकारियों को कठोर रुख नहीं अपनाना चाहिए।
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने पीठ से कहा,‘हम कठोर नहीं हैं। जब इस अदालत ने हमें सुझाव दिया, तब हमने राहत प्रदान की।’ पीठ द्वारा आयु सीमा में एक बार की राहत प्रदान करने के बारे में कहा गया। इस पर राजू ने पीठ से कहा कि यह संभव नहीं हो सकता है लेकिन वह अधिकारियों से चर्चा करने के बाद अदालत को सूचित करेंगे।

केंद्र ने पांच फरवरी को दाखिल किया था दस्तावेज 
केंद्र द्वारा पांच फरवरी को दाखिल दस्तावेज में कहा गया था कि सीएसई-2021 के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को राहत प्रदान नहीं की जाएगी, जिनका अंतिम प्रयास समाप्त नहीं हुआ है अथवा ऐसे उम्मीदवार जोकि विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं। इसके अलावा, अन्य कारणों से परीक्षा में शामिल होने के लिये अयोग्य अभ्यर्थियों को भी सीएसई-2021 में राहत नहीं मिलेगी।

 यह राहत केवल एक बार के अवसर के तौर पर लागू रहेगी
केंद्र ने पीठ से यह भी कहा कि यह राहत केवल एक बार के अवसर के तौर पर सीएसई-2021 के लिए ही लागू रहेगी और इसे मिसाल के तौर पर नहीं देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस राहत को आधार बनाकर किसी तरह के निहित अधिकार का दावा पेश नहीं किया जाएगा। पीठ ने राजू से इस दस्तावेज को वितरित करने को कहा और साथ ही याचिकाकर्ताओं को इस बारे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ऐसे यूपीएससी सिविल सेवा अभ्यर्थियों को एक और अवसर प्रदान करने का अनुरोध किया गया था जोकि महामारी के कारण इस परीक्षा के अपने अंतिम अवसर को गंवा बैठे। 

सरकार ने अतिरिक्त अवसर देने को भेदभाव बताया था
उल्लेखनीय है कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक फरवरी को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि वह यूपीएससी परीक्षा 2020 में कोविड-19 के कारण शामिल नहीं हो सके या ठीक से तैयारी नहीं कर पाने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका नहीं देगी। सरकार ने कहा था कि 2020 में अंतिम मौका गंवा चुके अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर देना अन्य के साथ भेदभाव होगा।

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