खुशखबरी: UPSC सिविल सेवा परीक्षा के इन अभ्यर्थियों को मिलेगा अतिरिक्त मौका
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के उन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने के लिए राजी हो गई है जिन्होंने अक्टूबर 2020 में अपना आखिरी...
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के उन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने के लिए राजी हो गई है जिन्होंने अक्टूबर 2020 में अपना आखिरी अटेम्प्ट दिया था। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी। सरकार ने कहा कि यह राहत सिर्फ एक बार के लिए दी जाएगी। कोविड-19 महामारी के चलते यह फैसला लिया गया है। सिविल सेवा परीक्षा 2021 में इन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका दिया जाएगा। सरकार ने इससे पहले 1 फरवरी को शीर्ष अदालत में कहा था कि वह सिविल सेवा परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है।
केंद्र ने यह भी साफ कर दिया है कि राहत उम्र सीमा से बाहर हो चुके अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेज में केंद्र ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा 2021 के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी जाएगी, जिनका आखिरी अटेम्प्ट खत्म नहीं हुआ है या ऐसे उम्मीदवार जोकि विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं। इसके अलावा, अन्य कारणों से परीक्षा में शामिल होने के लिये अयोग्य अभ्यर्थियों को भी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में राहत नहीं मिलेगी। केंद्र ने पीठ से यह भी कहा कि यह राहत केवल एक बार के अवसर के तौर पर सीएसई-2021 के लिए ही लागू रहेगी और इसे मिसाल के तौर पर नहीं देखा जाएगा।
जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने केंद्र से कहा कि वह यह नोट अतिरिक्त मौके की मांग कर रहे करीब 100 अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे वकीलों को दे दे। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस बारे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
Relaxation will be given to the extent of providing one extra attempt for Civil Service Examination (CSE), specifically limited to CSE-2021, to those candidates who had their last chance to appear in the year 2020, Centre says.
— ANI (@ANI) February 5, 2021
29 जनवरी की सुनवाई में पीठ ने सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से सवाल किए थे कि सिर्फ इस बार के लिए अतिरिक्त अवसर दिया जाता है तो कितने अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलेगा और यूपीएससी के गठन होने के बाद से अब तक कितनी बार इस तरह की छूट दी गई है? एस.वी. राजू ने 1 फरवरी की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत को बताया था कि अतिरिक्त अवसर दिए जाने पर कुल 3308 उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा। पीठ ने कहा कि अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किए बिना एक बार छूट देने से 3300 से अधिक उम्मीदवारों को राहत मिलेगी।
4 अक्टूबर, 2020 को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में से 100 से ज्यादा अभ्यर्थी ऐसे थे जिनका यह आखिरी अटेम्प्ट था। इन अभ्यर्थियों ने शीर्ष अदालत ने याचिका दायर कर सिर्फ एक बार की छूट के तौर पर 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि चार अक्टूबर 2020 को होने वाली इनकी प्रारंभिक परीक्षा की तैयारियां कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रभावित हुई थीं। कुछ अभ्यर्थियों ने कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी ड्यूटी में लगने के कारण उन्हें तैयारी का समय नहीं मिल पाया। जबकि कुछ का कहना है कि दूर दराज के इलाके में खराब इंटरनेट सुविधा के चलते उन्हें ऑनलाइन अध्ययन सामग्री नहीं मिल सकी।
गौरतलब है कि यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) , भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) समेत की तरह की सिविल सेवओं के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिवर्ष तीन चरणों में प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार सिविल सेवा परीक्षा आयोजित कराती है। इस भर्ती परीक्षा में हर साल करीब 8 लाख युवा बैठते हैं। वर्तमान में इस भर्ती परीक्षा के लिए आयु की न्यूनतम सीमा 21 वर्ष और अधिकतम 32 वर्ष तय की हुई है। एससी, एसटी वर्ग के उम्मीदवारों का पांच वर्ष और ओबीसी को तीन वर्ष की छूट है। किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट व्यक्ति इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
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