UPRTOU : शोधार्थियों की कैंपस हाजिरी अनिवार्य, सिर्फ विश्वविद्यालय के शिक्षक ही बनेंगे रिसर्च गाइड
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (मुविवि) में 12 साल बाद शैक्षिक सत्र 2020-21 में पीएचडी में दाखिला शुरू हुआ है। प्रवेश लेने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से कैंपस में उपस्थित होकर शोध...
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (मुविवि) में 12 साल बाद शैक्षिक सत्र 2020-21 में पीएचडी में दाखिला शुरू हुआ है। प्रवेश लेने वाले छात्रों को अनिवार्य रूप से कैंपस में उपस्थित होकर शोध कार्य करना होगा। पीएचडी शोध के लिए रिसर्च गाइड सिर्फ विश्वविद्यालय के शिक्षक ही बनेंगे। जबकि पहले रिसर्च निर्देशक बाहर के एलॉट होते थे। पूर्व में शोधार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होती थी। कुलपति प्रो. केएन सिंह ने बताया कि अब यूजीसी के रेगुलेशन 2018 अनुसार शोध में प्रवेश सुनिश्चित किया गया है। इस प्रक्रिया के तहत शोधार्थी का शैक्षणिक अभिलेख, लिखित परीक्षा का अंक व इंटरव्यू का अंक जोड़कर प्रवेश सूची तैयार की जाएगी। इस आधार पर छात्रों को शोध में प्रोविजनल प्रवेश की अनुमति मिल जाएगी। लेकिन उन्हें छह माह का नियमित प्री पीएचडी कोर्स पूरा करना पड़ेगा। उसमें सफलता के बाद पीएचडी में प्रवेश होगा। यदि छात्र प्री पीएचडी टेस्ट में फेल हो जाएगा तो उसका थीसिस नहीं जमा होगी।
प्रो. सिंह ने पीएचडी में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा पूरी हो गई है। शोध में प्रवेश के लिए कुछ विषयों का इंटरव्यू भी हो चुका है। प्री पीएचडी के लिए छात्रों की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है। प्रो. सिंह ने बताया कि शोध कार्यों की समीक्षा के लिए कुलपति की अध्यक्षता में रिसर्च एडवाइजरी कमेटी का गठन भी कर दिया गया है।
13 विषयों के सापेक्ष 47 सीटों पर होगा प्रवेश
प्रो. सिंह ने बताया कि 13 विषयों के सापेक्ष 47 सीटों पर प्रवेश होगा। कृषि व्यवसाय प्रबंधन में 1, सांख्किीय में 3, न्यूट्रिशन में 4, कम्प्यूटर सांइस में 4, स्वास्थ्य शिक्षा में 5, व्यवसाय प्रशासन और प्रबंधन में 8, वाणिज्य में 11, संस्कृत और प्राकृत भाषा में 14, पत्रकारिता एवं जनसंचार में 15, राजनीति शास्त्र में 26 सीटों पर प्रवेश होगा।
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