Hindi Newsकरियर न्यूज़UPPSC pcs j : I preparing since 2018 did not get selected due to low marks in English manipulation of answer sheet

UPPSC : 2018 से कर रही हूं तैयारी, अंग्रेजी में कम अंक मिलने से नहीं हुआ चयन, छात्रा ने लगाया कॉपी में हेरफेर का आरोप

पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने के मामले के बीच मथुरा की संगीता चौधरी ने भी अंग्रेजी विषय में कम नंबर मिलने का आरोप लगाया है। उसने भी आशंका जताई कि हमारी कॉपी में भी हेरफेर हुई।

कार्यालय संवाददाता प्रयागराजThu, 4 July 2024 02:44 AM
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यूपीपीएससी पीसीएस जे - 2022 की मुख्य परीक्षा में कॉपी बदलने के मामले के बीच मथुरा की संगीता चौधरी ने भी अंग्रेजी विषय में कम नंबर मिलने का आरोप लगाया है। संगीत ने एक चैनल पर इंटरव्यू देते हुए कहा कि पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा में अंग्रेजी विषय में कम अंक मिले हैं। अगर हमारी उम्मीद के अनुसार अंग्रेजी में अंक मिले होते तो मेरा चयन हो जाता। कहा कि सेलेक्शन नहीं हुआ तो परिवार के सपने टूट गए। उसने भी आशंका जताई कि हमारी कॉपी में भी हेरफेर हुई। संगीता ने यह भी कहा कि 2018 से तैयारी कर रही हूं।

पीसीएस जे हाईकोर्ट ने आयोग से मांगा अभ्यर्थियों का विवरण
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पीसीएस जे 2022 लिखित परीक्षा के परिणाम में संशोधन के बाद प्रभावित होने वाले अभ्यर्थियों का पूरा विवरण लोक सेवा आयोग से तलब किया है। कोर्ट ने आयोग के अध्यक्ष से कहा है कि वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट रूप से बताएं कि उत्तरपुस्तिकाओं में मिली गड़बड़ी में संशोधन के बाद कितने अंक बदले जाएंगे। उन अभ्यर्थियों का पूरा विवरण जो इंटरव्यू में बुलाने के लिए अयोग्य ठहराए गए थे, संशोधन के बाद और संशोधन से पूर्व उनको मिले अंकों का विवरण। साथ ही संशोधन के बाद जिन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना है उनके संशोधन से पूर्व और संशोधन के बाद प्राप्त अंकों का विवरण दें। इसके अलावा सभी 6 प्रश्न पत्रों की उत्तरपुस्तिकाओं में मास्टर कोड बदलने या यदि कोई अन्य खामी पाई गई है तो उसका पूरा विवरण प्रस्तुत किया जाए।

पीसीएस जे के अभ्यर्थी श्रवण पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एस डी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने याची के अधिवक्ता विभू राय और आयोग के वकील निशीथ यादव को सुनने के बाद आयोग द्वारा सभी अभ्यर्थियों को उत्तरपुस्तिकाएं दिखाए जाने के निर्णय पर कोई हस्तक्षेप ना करते हुए इस कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने का निर्देश दिया है।

इससे पूर्व आयोग के डिप्टी सेक्रेटरी सुनील कुमार द्वारा एक जुलाई को कोर्ट में प्रस्तुत हलफनामे और सील बंद जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया कि 50 अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं में गड़बड़ी पाई गई है। हलफनामे में बताया गया कि अंग्रेजी की उत्तरपुस्तिकाओं के दो बंडलों पर फेक मास्टर कोड आपस में बदल गए। इससे एक बंडल के 25 अभ्यर्थियों के अंक दूसरे बंडल के 25 अभ्यर्थियों से बदल गए। हालांकि आयोग ने अपने हलफनामे में संभावना जताई है कि मेरिट लिस्ट में संशोधन से कुछ चयनित अभ्यर्थी बाहर होंगे और उनके स्थान पर दूसरे अभ्यर्थी आएंगे। फलस्वरूप जो लोग गलती की वजह से मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए थे उनको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा और नई चयन सूची तैयार करनी होगी।
 

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