UPPSC PCS 2020 Result : पीसीएस 2020 की मेरिट में बीटेक वालों का परचम, टॉप पांच अभ्यर्थियों में से चार ने किया है बीटेक
पीसीएस 2020 की मेरिट में बीटेक करने वालों ने परचम लहराया है। टॉप पांच अभ्यर्थियों में से चार ने बीटेक किया है। टॉपर संचिता ने पंजाब विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में, तीसरे स्थान पाने वाले...
पीसीएस 2020 की मेरिट में बीटेक करने वालों ने परचम लहराया है। टॉप पांच अभ्यर्थियों में से चार ने बीटेक किया है। टॉपर संचिता ने पंजाब विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में, तीसरे स्थान पाने वाले मोहित रावत ने आईआईटी मंडी से कम्प्यूटर साइंस में, चौथे स्थान पर रहे शिशिर कुमार सिंह ने इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद से तो पांचवां स्थान पाने वाले मेरठ के उदित पवार ने आईआईटी गुवाहाटी से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। टॉप फाइव में दूसरे स्थान पर रही शिवाक्षी एकमात्र अभ्यर्थी हैं जो इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से नहीं हैं। पेश है टॉपर्स से बातचीत:
केमिकल इंजीनियर संचिता ने किया टॉप
प्रयागराज। पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर की संचिता ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2020 भर्ती में टॉप किया है। 2013 में पंजाब विश्वविद्यालय से बीटेक केमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद संचिता ने 2016 से सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। यूपीपीएससी में उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली। पिछले साल प्रारंभिक परीक्षा से आगे नहीं बढ़ सकी थीं। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में संचालित कोचिंग से तैयारी करने वाली संचिता का मानना है कि सिविल की तैयारी लंबा सफर है इसलिए इसमें कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। खुद को प्रेरित रखने के लिए अपने लक्ष्य को देखते रहना चाहिए। हमें सिविल सेवा में जाकर लोगों की सेवा करनी है, यह बात हर दम दिमाग में रखनी आवश्यक है। संचिता के पिता चन्द्र शेखर शर्मा की फार्मेसी की दुकान है और मां ज्योति गृह विज्ञान की प्रवक्ता हैं। बड़ी बहन निवेदिता दांतों की डॉक्टर और छोटा भाई निर्मल शर्मा लॉ की पढ़ाई कर रहा है।
पहले प्रयास में ही शिवाक्षी को मिली सेकेंड रैंक
प्रयागराज। लखनऊ की शिवाक्षी दीक्षित को पहले प्रयास में ही यूपीपीएससी में दूसरी रैंक मिली है। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम करने वाली शिवाक्षी की स्कूली शिक्षा लखनऊ से ही पूरी हुई। संघ लोक सेवा आयोग की आईएएस 2020 के साक्षात्कार का भी बुलावा मिला है। उनका मानना है कि अपने पर भरोसा रखें, जितना पढ़े उतना खूब अच्छे से समझ लें। बहुत अधिक स्टडी मैटेरियल के पीछे भागने से कुछ नहीं होगा। उनके पिता कृष्णकांत दीक्षित बैंक मैनेजर और मां वीणा दीक्षित शिक्षिका हैं।
हरियाणा के मोहित को दूसरी कोशिश में मिली सफलता
प्रयागराज। पलवल हरियाणा के मोहित रावत को दूसरे प्रयास में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस भर्ती में सफलता मिली है। फरीदाबाद से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद मोहित ने 2011 से 2015 तक आईआईटी मंडी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक किया। उसके बाद दो साल प्राइवेट नौकरी करने के बाद जुलाई 2017 से सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए। संघ लोक सेवा आयोग की तीन बार परीक्ष दे चुके हैं और इस बार 2020 के साक्षात्कार के लिए बुलावा मिला है। वहीं यूपीपीएससी में यह उनका दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में 2019 में प्रारंभिक परीक्षा में ही बाहर हो गए थे। उनका मानना है कि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है। आप पूरी गंभीरता से मेहनत करें, आपको अपनी उम्मीद से अधिक सफलता हासिल होगी। उनके पिता जवाहर सिंह रावत हरियाणा सरकार के पब्लिक हेल्थ विभाग से सेवानिवृत्त सुपरिंटेंडेंट हैं और मां इंदिरा रावत गृहणी हैं। दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है।
पहले प्रयास में शिशिर को मिला चौथा स्थान
प्रयागराज। पीसीएस 2020 में चौथा स्थान पाने वाले शिशिर कुमार सिंह ने आईआईटी-इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद से 2016 में बीटेक किया है। कुछ समय बंगलुरु में नौकरी करने के बाद 2018 से सिविल की तैयारी में लग गए। बलिया के रहने वाले शिशिर का यूपीपीएससी में यह पहला प्रयास था। इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा दो बार दे चुके हैं। पिछली बार आईएएस का इंटरव्यू भी दिया था लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। उनका मानना है कि परिणाम से अधिक महत्वपूर्ण है कि आपने कितनी लगन से तैयारी की है। उनका मानना है कि प्राइवेट जॉब में पैसे तो थे लेकिन उनके मन में समाज को वापस देने की इच्छा थी इसीलिए सिविल सेवा को चुना। उनके पिता सिंहासन सिंह मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं, मां कमलेश सिंह गृहणी और छोटी बहन रचना सिंह पढ़ाई कर रही है।
तीसरे प्रयास में उदित को मिली पांचवीं रैंक
प्रयागराज। आईआईटी गुवाहाटी से 2016 में मेकैनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले उदित पंवार को तीसरे प्रयास में पीसीएस 2020 में सफलता मिली है। रुड़की रोड मेरठ के रहने वाले उदित ने बीटेक करने के बाद एक साल तक बंगलुरु में नौकरी की और उसके बाद सिविल की तैयारी करने लगे। यूपीपीएससी में उनका तीसरा प्रयास था। इससे पहले संघ लोक सेवा आयोग की आईएएस परीक्षा 2019 में साक्षात्कार में शामिल हुए थे। उनके लिए सफलता का मूल मंत्र हंव अपनी गलतियों से सीख लो और अपने में सुधार करो। कभी गलतियों से हार नहीं माननी चाहिए। उदित के पिता उपेन्द्र कुमार प्राइवेट जॉब में हैं और मां अनिता गृहणी हैं। छोटी बहन पढ़ाई कर रही है।
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