Hindi Newsकरियर न्यूज़UPPSC Exam : After UP PSC RO ARO paper leak there will be these 6 major changes in recruitment exam

UPPSC : RO ARO पेपर लीक के बाद भर्ती परीक्षाओं में होंगे ये 6 बड़े बदलाव

UPPSC की भर्तियों के लिए होने वाली लिखित परीक्षाएं अब वित्तविहीन स्कूलों में नहीं होगी। आरओ एआरओ परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद आयोग अपनी परीक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव करने की तैयारी में है।

प्रमुख संवाददाता प्रयागराजTue, 2 April 2024 07:32 AM
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों के लिए होने वाली लिखित परीक्षाएं अब वित्तविहीन स्कूलों में नहीं होगी। समीक्षा अधिकारी(आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद आयोग अपनी परीक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव करने की तैयारी में है। पेपर लीक प्रकरण की जांच में वित्तविहीन स्कूलों की मिलीभगत भी सामने आई है। ऐसे में बड़ा कदम उठाते हुए इन स्कूलों को केंद्र न बनाने की सिफारिश प्रदेश सरकार से की जाएगी। आयोग एक महीने पहले केंद्रों की सूची जिलों से मांग लेगा। राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को ही केंद्र बनाया जाएगा। यदि वित्तविहीन स्कूल प्रस्तावित होते हैं तो सरकार को उसकी सूचना देते हुए परीक्षा कराने में असमर्थता जताई जाएगी। बाहर से आने वाले परीक्षार्थियों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दायरे में ही केंद्र बनाया जाएगा। 

परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के उद्देश्य से प्रश्नपत्रों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के सामने ही खोलने की व्यवस्था होगी। वर्तमान में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट चार-पांच केंद्रों के प्रश्नपत्र के पैकेट पहुंचाते हैं। कई बार केंद्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) की गैरमौजूदगी में अन्य कर्मी को पैकेट देना पड़ता है। पैकेट पहुंचाने और परीक्षा शुरू होने के बीच जो अंतराल होता है, वह समय भी खासा संवेदनशील होता है। लिहाला अब प्रत्येक केंद्र के लिए एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात करने की तैयारी है। वही सेक्टर मजिस्ट्रेट कोषागार से प्रश्नपत्र के पैकेट लेकर स्कूल पहुंचेंगे और अपने सामने पैकेट खुलवाकर परीक्षार्थियों के बीच बंटवाएंगे।

एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के बाद होंगे अहम निर्णय: 
वैसे तो आयोग को अभी एसटीएफ की जांच रिपोर्ट का इंतजार है और उसके बाद कई अहम निर्णय लिए जाएंगे। लेकिन इतनी बड़ी घटना होने के बाद से शुचितापूर्वक परीक्षा कराने को लेकर कई बिन्दुओं पर विचार-विमर्श चल रहा है। आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने से आयोग के अधिकारी भी हैरान हैं क्योंकि इससे चयन की गारंटी नहीं थी और दूसरे चरण में मुख्य परीक्षा होनी थी।

उठाए जाएंगे ये 6 बड़ कदम
- वित्तविहीन स्कूलों में नहीं होगा एग्जाम
-  सेक्टर मजिस्ट्रेट के सामने ही खोले जाएंगे परीक्षा के प्रश्न पत्र
- एक ही परीक्षा के प्रश्न पत्र अलग-अलग दो प्रेस में छपवाने की तैयारी
- 15 किमी दायरे में जिला मुख्यालय से बनाना होगा परीक्षा केंद्र
- परीक्षा कक्ष में ही सील होगी ओएमआर शीट
- यूपी बोर्ड की तरह सीसीटीवी से करेंगे निगरानी

परीक्षा कक्ष में ही सील होगी ओएमआर शीट
प्रश्नपत्र और उत्तर पत्रक (ओएमआर शीट) बंटने के बाद अनुपस्थित अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट वहीं सील कर दी जाएगी ताकि बाद में उसका दुरुपयोग न होने पाए। प्रश्नपत्रों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए एक ही परीक्षा के अलग-अलग प्रश्नपत्र दो एजेंसियों से छपवाने पर भी विचार हो रहा है। इससे नकल माफिया यह पता नहीं कर पाएंगे कि परीक्षा किस एजेंसी के प्रश्नपत्र से हो रही है। यदि किसी एजेंसी का पेपर लीक भी हो जाता है तो परीक्षा रद्द करने की बजाय दूसरी एजेंसी के प्रश्नपत्र से परीक्षा करा ली जाएगी।

यूपी बोर्ड की तरह सीसीटीवी से करेंगे निगरानी
यही नहीं परीक्षा की निगरानी यूपी बोर्ड की तरह सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी करने पर विचार हो रहा है। अधिकांश स्कूलों में सीसीटीवी, वॉयस रिकॉर्डर और डीवीआर आदि सुलभ है। इन्हें आयोग के कंट्रोल रूम से जोड़कर कोषागार से परीक्षा केंद्र तक प्रश्नपत्र पहुंचाने और परीक्षा की ऑनलाइन निगरानी करने पर चर्चा चल रही है। आयोग सूत्रों की मानें तो परीक्षा के प्रत्येक चरण की मानक परिचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर-एसओपी) बनाई जा रही है।

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