UPPSC, BPSC , RPSC समेत 14 लोक सेवा आयोगों की हुई बैठक, भर्ती परीक्षाओं में दिखेंगे बड़े बदलाव
प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, राजस्थान लोक सेवा आयोग, बिहार लोक सेवा आयोग समेत सहित देशभर के 14 लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की मौजूदगी में इंटरव्यू तकनीक पर कार्यशाला हुई।
देशभर के लोक सेवा आयोगों में प्रशासनिक एवं अन्य पदों पर चयन के लिए होने वाले इंटरव्यू की प्रक्रिया में बहुत जल्द बड़ा बदलाव दिखेगा। प्रयागराज में सोमवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, राजस्थान लोक सेवा आयोग ( आरपीएससी ), बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएसससी) समेत सहित देशभर के 14 लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की मौजूदगी में इंटरव्यू तकनीक पर कार्यशाला हुई। इसमें इंटरव्यू को और अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाने पर मंथन हुआ। तय हुआ कि इंटरव्यू में आने वाले प्रतियोगियों को ठीक वैसे ही परखा जाए, जैसे सेना में परखा जाता है।
चर्चा में कहा गया कि बाई द पीपुल, फॉर द पीपुल और ऑफ द पीपुल के तर्ज पर बाई द कंडीडेट, फॉर द कंडीडेट और ऑफ द कंडीडेट की अवधारणा को अपनाते हुए इंटरव्यू लिए जाएं, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि जिसका इंटरव्यू लिया जा रहा है वह कोई निरीह या अक्षम नहीं है। किसी भी स्थिति में अभ्यर्थी को हतोत्साहित न होने दिए जाए ताकि राज्य की प्रशासनिक सेवा के लिए बेहतर से बेहतर का चयन किया जा सके।
आयोग के सदस्यों की पहली कार्यशाला
पहली बार आयोजित कार्यशाला में तय हुआ कि ‘विकसित भारत-2047’ को ध्यान में रखते हुए आयोगों के माध्यम से ऐसे प्रशासनिक अफसर खोजे जाएंगे, जिनमें उच्चकोटि की नेतृत्व क्षमता, नैतिकता, ईमानदारी, साहस, सहानुभूति और संवदेनशीलता हो। इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यशाला का शुभारंभ कर इस कार्यशाला के दूरगामी परिणाम आने की उम्मीद जताई। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने कहा कि कार्यशाला के दौरान इस कुंभ नगरी में जो बीज पड़ा है, वह आने वाले समय में एक वृक्ष का रूप लेगा।
आयोग की कार्यशाला में ये हुए शामिल
आंध्र प्रदेश से डॉ. सीवी शंकर रेड्डी, नागालैंड से डेविड थिंगचम संगटम, गोवा से प्रो. सुखजी गजानन नाइक, रावराने, हरियाणा से आनंद कुमार, हिमाचल प्रदेश से कर्नल राजेश कुमार, कर्नाटक से डॉ. एचएस नरेंद्र, केरल से एसए सैफ, बीपीएससी बिहार लोक सेवा आयोग से इम्तियाज अहमद करीमी, मध्य प्रदेश से डॉ. कृष्ण कांत शर्मा, महाराष्ट्र से डॉ. दिलीप पंधारपट्टे, राजस्थान लोक सेवा आयोग आरपीएससी से कैलाश चंद मीणा, गुजरात से आशा आ. शाह, छत्तीसगढ़ से डॉ. सरिता, झारखंड से प्रो. अजिता भट्टाचार्या, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से डॉ. एके वर्मा, प्रो. आरनएन त्रिपाठी, कल्पराज सिंह, डॉ. सबिता अग्रवाल, डॉ. हरेश प्रताप सिंह, डॉ. राम प्यारे, मुकेश मिश्र।
मिल्खा सिंह नहीं, विक्रम बत्रा को ढूंढ़ते हैं मेजर
सेना के सेलेक्शन सेंटर, ईस्ट के कमाडेंट मेजर जनरल मनोज कुमार ने सेना में इंटरव्यू तकनीक से आयोगों के सदस्यों को अवगत कराया। मेजर जनरल मनोज कुमार ने बताया कि जब हम इंटरव्यू लेते हैं तो मिल्खा सिंह नहीं, बल्कि विक्रम बत्रा जैसा अफसर ढूंढ़ते हैं, जिसमें उच्चकोटि की नेतृत्व क्षमता और साहस हो। उन्होंने कहा कि बोर्ड में बैठे विशेषज्ञ अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को इस तरह से परखें कि वह आने वाले 30-40 वर्षों में नौकरी के दौरान अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ पूरा कर सके।
प्रशासक ऐसा हो जो समाज के हर वर्ग को समझे प्रो. सिंह
बतौर विशेषज्ञ बीएचयू के पूर्व वीसी और आईसीएआर के पूर्व डीजी प्रो.पंजाब सिंह ने बताया कि इंटरव्यू के माध्यम से हम ऐसा प्रशासक खोज सकते हैं जो समाज के हर वर्ग को नजदीक से समझे।
एथिक्स को केंद्र में रखकर सवाल पूछे जाएं नंदितेश
एथिक्स प्रशिक्षक नंदितेश निलय ने आयोगों के सदस्यों से कहा कि व्यक्तित्व का आकलन अगर एथिक्स के आधार पर नहीं होता है तो वह अधूरा है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि इंटरव्यू में एथिक्स को केंद्र में रखकर सवाल पूछे जाएं।
मॉक इंटरव्यू में परखे गए अफसर
मेजर जनरल मनोज कुमार, प्रो. पंजाब सिंह और नंदितेश निलय की अध्यक्षता में तीन अलग-अलग बोर्ड का गठन किया गया। जिनमें 14 राज्यों के आयोगों से आए सदस्यों का भी शामिल किया गया। आयोग के कर्मचारियों एवं अफसरों को अभ्यर्थी बनाया गया और उनका मॉक इंटरव्यू हुआ।
साक्षात्कार में अध्यक्ष और सदस्य बोलने से ज्यादा सुनें मुख्य सचिव
इंटरव्यू के दौरान अगर बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य बोलने से ज्यादा सुननें पर जोर दें तो अच्छे कैंडिडेट का चयन किया जा सकता है। यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सोमवार को आयोजित 14 राज्यों के आयोग के सदस्यों की राष्ट्रीय कार्यशाला में कही। वह ऑनलाइन माध्यम से कार्यशाला से जुड़े। कहा कि यूपी लोक सेवा आयोग में हुए नए बदलाव अन्य आयोगों के लिए उदाहरण हो सकते हैं। यूपीपीएससी ने पीसीएस का रिजल्ट 10 महीने और पीसीएस जे का रिजल्ट साढ़े छह महीने में जारी कर यह साबित किया है। विकसित भारत-2047’के लिए हमें ऐसे प्रशासनिक चुनने हैं जो त्वरित निर्णय ले सकें। जिनमें देश को विकसित करने का विजन हो और विकास कार्य कराने का माद्दा भी।
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