UPPSC: संगमनगरी से पीसीएस में 29 अभ्यर्थियों को मिली सफलता, ट्यूबवेल ऑपरेटर का बेटा बना एसडीएम
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पीसीएस 2022 के अंतिम परिणाम में प्रयागराज के 29 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। लगातार दूसरे साल प्रयागराज के मेधावी को टॉप टेन में आठवां स्थान मिला है। इस बार प्रजक्ता त्र
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पीसीएस 2022 के अंतिम परिणाम में प्रयागराज के 29 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। लगातार दूसरे साल प्रयागराज के मेधावी को टॉप टेन में आठवां स्थान मिला है। इस बार प्रजक्ता त्रिपाठी आठवें स्थान पर हैं। वह वर्तमान में गृह मंत्रालय में कार्यरत हैं। पिछले साल टॉप टेन में प्रयागराज से एकमात्र मेधावी मेजा के विवेक कुमार सिंह आठवें स्थान पर चुने गए थे। उनकी छोटी बहन संध्या सिंह को 12वीं रैंक मिली थी।
यूपी से सबसे ज्यादा 40 अभ्यर्थी लखनऊ से सफल हुए हैं, जबकि कानपुर शहर से भी 15 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। कुल 67 जिलों से अभ्यर्थियों ने परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। आठ जिलों से किसी अभ्यर्थी का सेलेक्शन नहीं हो सका है।
1.
आगरा की दिव्या सिकरवार बनीं टॉपर
ताजनगरी की बेटी दिव्या सिकरवार ने पीसीएस 2022 में टॉप किया है। एत्मादपुर के गढ़ी रामी गांव की रहने वाली दिव्या सिकरवार ने तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की। 2011 में श्रीमती शारदा देवी पब्लिक स्कूल से 10वीं की परीक्षा 77 प्रतिशत और 12वीं की परीक्षा श्रीमती विमला देवी इंटर कॉलेज से 2013 में 80 प्रतिशत अंक से पास की। सेंट जॉन्स कॉलेज से स्नातक और परास्नातक करने के बाद पीसीएस की तैयारी में जुट गईं। दिव्या के पिता राजपाल सिंह बीएसएफ से सेवानिवृत्त हैं। एक भाई दीपक यूपी पुलिस में कार्यरत हैं। वहीं दूसरा भाई कपिल पढ़ाई कर रहे हैं। मां सरोज देवी गृहणी हैं। दिव्या की मानें तो असफलता हमें सिखाती है। खुद पर और अपने सपने पर विश्वास करने से सफलता जरूर मिलती है। निराश होने की जगह कमियों को पहचान कर आगे बढ़ने पर काम करना चाहिए।
3.
पहले प्रयास में नम्रता बनीं एसडीएम
पीएसएस 2022 में पहले प्रयास में बुलंदशहर की नम्रता ने तीसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने 2020 में एनआईटी दिल्ली से कम्प्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। आईएएस 2021 के इंटरव्यू में शामिल हुई थीं। मेंस में मानव विज्ञान विषय रहा। पिता सुरेश चंद्र अफसर हैं। माता चंदावती बीपीबीए कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। नम्रता ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व भाई को दिया है।
4.
पांचवें प्रयास में आकांक्षा को मिली चौथी रैंक
देहरादून की आकांक्षा गुप्ता ने पांचवें प्रयास में पीसीएस में चौथी रैंक हासिल की है। आकांक्षा ने बीआईटी यूनिवर्सिटी से 2017 में बीटेक कम्प्यूटर साइंस (सीएस) की डिग्री हासिल की। मेंस में समाजशास्त्र विषय रहा। आकांक्षा इससे पहले पीसीएस 2021 में इंटरव्यू दे चुकी हैं। उनके पिता नरेंद्र गुप्ता बिजनेसमैन हैं। वहीं माता सपना गुप्ता गृहणी हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ चाचा रविंद्र गुप्ता को दिया है।
5.
शाहजहांपुर के बीएसए बने एसडीएम
शाहजहांपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी कुमार गौरव ने पीसीएस 2022 में पांचवें स्थान पर जगह बनाई है। उन्हें तीसरे प्रयास में एसडीएम पद पर सफलता मिली है। 2019 में उनका चयन नायब तहसीलदार पर हुआ था, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। 2020 में बीएसए के पद पर चुने गए। अम्बेडकरनगर के रामनगर ब्लॉक के रहने वाले कुमार गौरव के पिता चन्द्र प्रकाश दुबे ग्राम विकास अधिकारी के पद से 2018 में रिटायर हुए थे। उनके बड़े भाई डॉ. विवेक द्विवेदी रायबरेली जिला अस्पताल में ईएनटी सर्जन हैं। उनसे छोटे बृजेश द्विवेदी बिहार में नायब तहसीलदार हैं। कुमार गौरव की पत्नी योगिता ओझा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में कार्यरत हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2009 स्नातक करने के बाद जेएनयू से 2011 में हिन्दी साहित्य में एमए किया। उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी की और फिर तैयारी करने लगे। मुख्य परीक्षा में उनका वैकल्पिक विषय हिन्दी साहित्य था। बगैर कोचिंग की तैयारी करने वाले कुमार गौरव ने प्रतियोगी छात्रों को सफलता का मूलमंत्र दिया है कि-खुद से झूठ मत बोलिए। उनकी मां शकुंतला दुबे गृहणी हैं।
6.
सल्तनत चौथे प्रयास में बनीं एसडीएम
लखनऊ अलीगंज की सल्तनत परवीन ने चौथे प्रयास में पीसीएस में छठवीं रैक प्राप्त की है। उन्होंने वर्ष 2016 में कम्प्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री हासिल की थी। पिता शमीम खान हैं।
8.
पहले प्रयास में प्रजक्ता बनीं एसडीएम
प्रयागराज के फाफामऊ शांतीपुरम की प्रजक्ता त्रिपाठी ने पीसीएस 2022 में आठवीं रैंक प्राप्त कर शहर का मान बढ़ाया है। वह मूलत: प्रतापगढ़ जनपद के पट्टी सैलख की रहने वाली हैं। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2011 में भौतिक विज्ञान से एमएससी किया था और वर्तमान में गृह मंत्रालय में कार्यरत हैं। उन्होंने पहले प्रयास में सफलता हासिल की है। मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र रहा। पिता सुरेश चंद्र त्रिपाठी रिटायर शिक्षक हैं। माता उर्मिला त्रिपाठी गृहणी हैं। भाई आशीष त्रिपाठी पंजाब नेशनल बैंक में मैनेजर हैं।
9.
दूसरे ही प्रयास में ऐश्वर्या बनीं एसडीएम
आगरा के मधुनगर निवासी ऐश्वर्या दुबे ने दूसरे ही प्रयास में सफलता हासिल करते हुए पीसीएस-2022 में नौंवा स्थान हासिल किया है। आगरा से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा हासिल करने वाली ऐश्वर्या दुबे ने दयालबाग इंस्टीट्यूट से कंप्यूटर साइंस में बीएससी-एमएससी इंटी/ग्रेटेड कोर्स पूरा किया। 2019 में पढ़ाई पूरी करने के बाद ऐश्वर्या ने प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी। पहले प्रयास में प्री-क्वालीफाई नहीं कर पाईं। इसके बाद अपनी तैयारी को व्यवस्थित किया और दूसरे प्रयास में सफलता पाई है। ऐश्वर्या के पिता हरेंद्र कुमार रिटायर्ड कर्मचारी है और मां रचना दुबे गृहणी हैं।
10.
ट्यूबवेल ऑपरेटर का बेटा बना एसडीएम
मनकापुर क्षेत्र के हरनाटायर गांव निवासी संदीप कुमार तिवारी ने पीसीएस 2022 की परीक्षा में प्रदेश में दसवां स्थान हासिल किया है। उनके पिता शिव कुमार तिवारी सिंचाई विभाग में ट्यूबवेल ऑपरेटर पद पर कार्यरत हैं। वर्ष 2021 में उनका चयन एसीआर कोऑपरेटिव पद पर हुआ था। संदीप ने प्राथमिक शिक्षा स्थानीय सरस्वती ज्ञानमंदिर में हासिल की। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई करने अयोध्या के सरस्वती विद्या मंदिर चले गए। मेरठ के आईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज से वर्ष 2013 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद पिता की प्रेरणा पर सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए। संदीप को पांचवें प्रयास में एसडीएम पद पर सफलता मिली है। परिवार में मां-पिता के अलावा दो भाई और चार बहनें हैं। संदीप ने अपनी सफलता का श्रेय विशेष तौर पर अपने माता-पिता को दिया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।