UPPRBP UP Police SI bharti: दरोगा भर्ती परीक्षा में सिपाही समेत चार मुन्ना भाई गिरफ्तार, परीक्षा केंद्र में ऐसे हुआ खुलासा
दरोगा भर्ती प्रक्रिया के दौरान परीक्षा में सेंधमारी करने के आरोपी सिपाही समेत चार मुन्ना भाई पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनके खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। भर्ती बोर्ड के इनपुट पर ही मेरठ और आ
दरोगा भर्ती प्रक्रिया के दौरान परीक्षा में सेंधमारी करने के आरोपी सिपाही समेत चार मुन्ना भाई पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनके खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। भर्ती बोर्ड के इनपुट पर ही मेरठ और आगरा के परीक्षा केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ भी एफआईआर हुई है। रविवार को गिरफ्तारी के बाद चारो को रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।
मिनटों में दिए सवालों के जवाब
दरोगा और पीएसी प्लाटून कमांडर की मुख्य परीक्षा हो चुकी है। इसमें 33 हजार अभ्यर्थी सफल हुए थे। उन सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच, शारीरिक परीक्षण और मेडिकल की प्रक्रिया सूबे के आठ जिलों में चल रही है, जिसमें बरेली भी शामिल है। एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह के निर्देशन में बरेली पुलिस लाइंस में 18 मई तक जांच प्रक्रिया चलेगी।
जांच के दौरान ऑनलाइन लिखित परीक्षा परिणाम में प्रयागराज के एक अभ्यर्थी के 160 में 158 जवाब सही निकले। फर्जीवाड़े की आशंका पर उसकी ऑनलाइन परीक्षा की कैंडीडेट रिस्पांस लॉग (सीआरएल) को चेक किया गया। पता लगा कि परीक्षा शुरू होने के बाद आधे घंटे तक अभ्यर्थी ने एक भी सवाल हल नहीं किया। इसके बाद उसने दो से तीन सेकेंड में ही ताबड़तोड़ जवाब लिखने शुरू कर दिए। ऐेसे कई और मामले जांच में सामने आए।
इसके बाद बरेली में भर्ती बोर्ड के इनपुट पर कोतवाली में फुरकान अली, सिपाही चंद किरन, प्रवीन कुमार व मो. मोहिसन के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का एफआईआर दर्ज की गई। फुरकान ने आगरा के आरवी आनलाइन सेंटर पर परीक्षा दी थी। जबकि चंद किरन, प्रवीन कुमार व मो. मोहसिन ने मेरठ स्थित राधेश्याम विद्यापीठ सेंटर में परीक्षा दी थी। इस फर्जीवाड़े में चारों अभ्यर्थियों समेत राधेश्याम विद्यापीठ के परीक्षा संचालक व प्रबंधक के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, धोखाधड़ी, आइटी एक्ट की धाराओं में रिपोर्ट लिखी गई है। इंस्पेक्टर कोतवाली हिमांशु निगम ने बताया कि रविवार को सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
अलीगढ़ पुलिस लाइन में तैनात है आरोपी
चंद्र किरन 2019 बैच का सिपाही है। अभी वह अलीगढ़ पुलिस लाइन में तैनात है। वह भी दरोगा बनने के लिये साल्वर गैंग का हिस्सा बन गया। इंस्पेक्टर ने बताया कि दरोगा परीक्षा में पास होने के लिए एसटी को 98, एससी को 104, ओबीसी को 117, सामान्य वर्ग को 122 सवाल हल करने थे।
एफआईआर में इनके नाम शामिल
मुजफ्फरनगर, पोस्ट हसरौली निवासी फुरकान अली, आगरा में आरवी आनलाइन सेंटर व्यवस्थापक और संचालक, सहारनपुर में देवबंद निवासी सिपाही चंद किरन, सहारनपुर, पोस्ट झबरेरा निवासी प्रवीन कुमार, सहारनपुर में खानपुर गांव निवासी मोहसिन, मेरठ के राधेश्याम विद्यापीठ के व्यस्थापक, प्रबंधक अमित अग्रवाल।
केंद्र व्यवस्थापकों की मिलीभगत से किया फर्जीवाड़ा
दरोगा की लिखित परीक्षा आनलाइन थी। केंद्र व्यवस्थापकों की मिलीभगत के बिना परीक्षा में ऐसा फर्जीवाड़ा संभव नहीं हो सकता। परीक्षार्थियों के कंप्यूटर को आईपी एड्रेस के जरिये दूर बैठे सॉल्वर के जरिए हैक कराया गया। उसने कंप्यूटर को रिमोट एक्सेस पर लेकर आनलाइन परीक्षा में सवाल हल कराए। कंप्यूटर हैक होने से पहले अभ्यर्थियों ने एक दो सवाल ही हल किए थे, लेकिन हैकिंग के बाद अचानक तेजी से सवाल हल होने लगे।
परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप में सिपाही समेत चार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आनलाइन सेंटर के व्यवस्थापक और प्रबंधक के खिलाफ भी कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है। फर्जीवाड़े में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- मुकेश प्रताप सिंह, एसपी क्राइम
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