UP Police SI bharti: सॉल्वर के साथ गिरफ्तारी के बाद भी अभ्यर्थी का हो गया दरोगा भर्ती में चयन, अब अर्जुन को अंतिम चरण परिणाम से किया गया बाहर
सब-इंस्पेक्टर एवं समकक्ष पदों पर सीधी भर्ती में गड़बड़ी का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सब इंस्पेक्टर के पद पर एक ऐसे अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया है, जिसने सॉल्वर के सहारे लिखित परीक्षा पा
सब-इंस्पेक्टर एवं समकक्ष पदों पर सीधी भर्ती में गड़बड़ी का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सब इंस्पेक्टर के पद पर एक ऐसे अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया है, जिसने सॉल्वर के सहारे लिखित परीक्षा पास की थी। मजे की बात यह है कि सॉल्वर के साथ-साथ अभ्यर्थी को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था। दोनों फिलहाल जेल में हैं। इस बीच मामला संज्ञान में आने के बाद सब इंस्पेक्टर का चयन निरस्त कर दिया गया है। साथ ही सभी जिलों से अभ्यर्थियों के विरुद्ध दर्ज मुकदमों का ब्योरा मांगा गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने गत 12 जून को सब इंस्पेक्टर (दरोगा), प्लाटून कमांडर पीएसी व अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के कुल 9534 पदों पर भर्ती का परिणाम घोषित किया था। इसमें 9027 पद सब इंस्पेक्टर के हैं। चयनित अभ्यर्थियों में उस अर्जुन प्रसाद का भी नाम शामिल है, जिसे एसटीएफ ने सॉल्वर शिशुपाल प्रसाद के साथ ही गत 20 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने मूल रूप से बलिया के रहने वाले अर्जुन और बिहार के रहने वाले शिशुपाल को कानपुर कमिश्नरेट के बाबूपुरवा थाने के सुपुर्द किया था, जहां मुकदमा दर्ज करने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था। शिशुपाल ने 16 नवंबर 2021 को अर्जुन प्रसाद की जगह लखनऊ में ऑनलाइन सेंटर में परीक्षा दी थी। लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद पांच मई 2022 को वह प्रयागराज पुलिस लाइंस में अर्जुन की जगह दस्तावेजों का सत्यापन कराने भी पहुंचा था। इसके बाद वह 19 मई 2022 को 37वीं वाहनी पीएसी कानपुर में शारीरिक दक्षता परीक्षा (दौड़) में शामिल हुआ और अभ्यर्थी को अंतिम चयन सूची में स्थान दिलाने में सफल रहा।
संदेह के आधार पर शिशुपाल पहले से एसटीएफ के रडार पर था। एसटीएफ ने 20 मई 2022 को जब उसे गिरफ्तार किया तो वह अभ्यर्थी अर्जुन प्रसाद की जगह सभी परीक्षाएं दे चुका था। अर्जुन ने एसटीएफ को बताया था कि वह राहुल नाम के एक युवक के जरिए सॉल्वर शिशुपाल के संपर्क में आया था। पूरी परीक्षा पास कराने के लिए उसने सात लाख रुपये में सौदा तय किया था।
अर्जुन अंतिम चरण परिणाम से बाहर : भर्ती बोर्ड
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आरके विश्वकर्मा ने बताया कि अभ्यर्थी और सॉल्वर की गिरफ्तारी के संबंध में कानपुर पुलिस द्वारा सूचना न दिए जाने के कारण यह चूक हुई। मामला संज्ञान में आने पर कानपुर में दर्ज एफआईआर एवं सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद अनुसूचित जनजाति श्रेणी में चयनित अभ्यर्थी अर्जुन प्रसाद को अंतिम चयन परिणाम से बाहर कर दिया गया है। साथ ही सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि भविष्य में पुलिस भर्ती की प्रक्रिया यदि किसी अभ्यर्थी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होता है तो उसकी सूचना जल्द से जल्द बोर्ड को अवश्य की जाए।
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