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UPPSC: जानें PCS-J में कितने फीसदी छात्राएं हुईं सफल

न्याय के मंदिर में पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए इस बार उत्तर प्रदेश पीसीएस-जे की परीक्षा में सबसे ज्यादा बेटियां चुनी गई हैं। प्रदेश में 51.63 फीसदी छात्राएं सिविल जज की कुर्सी तक पहुंचने में...

वरिष्ठ संवाददाता मेरठTue, 23 July 2019 03:38 PM
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न्याय के मंदिर में पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए इस बार उत्तर प्रदेश पीसीएस-जे की परीक्षा में सबसे ज्यादा बेटियां चुनी गई हैं। प्रदेश में 51.63 फीसदी छात्राएं सिविल जज की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब रही हैं। हर श्रेणी में लड़कियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। 35 मुस्लिम अभ्यर्थियों ने भी अपनी प्रतिभा के दम पर इस परीक्षा में सफलता पाते हुए नई इबारत लिखी है। सफल मुस्लिम अभ्यर्थियों में से 17 लड़कियां हैं। प्रमाण पत्रों की जांच और मेडिकल टेस्ट के बाद चयनित छात्र-छात्राओं की ट्रेनिंग शुरू होगी। 

शनिवार को जारी पीसीएस-जे के रिजल्ट में इस बार प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं जहां से कोई स्टूडेंट जज की कुर्सी तक न पहुंचा हो। उत्तर प्रदेश में पहली बार 610 पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन जारी हुआ और इसके रिजल्ट में मेधावी छा गए। मुख्य परीक्षा में आयोग ने इस वर्ष मामूली बदलाव करते हुए पेपर का सामान्यीकरण कर दिया लेकिन जो नतीजे आए उसमें मेधावियों की लंबी फेहरिस्त बन गई। चयनित 610 अभ्यर्थियों में से 315 लड़कियां हैं। लड़कियों की यह हिस्सेदारी 51.63 यानी करीब 52 फीसदी है। रिजल्ट में 48 फीसदी पद लड़कों को मिले हैं। श्रेणीवार आंकड़ों के हिसाब से 74 छात्राएं ओबीसी श्रेणी से हैं जबकि 59 एससी से। छह छात्राएं एसटी श्रेणी से सफल हुई हैं। ओबीसी में सफल लड़कियों की हिस्सेदारी 45.12 और एससी की 46.09 फीसदी है। रिजल्ट में 35 मुस्लिम छात्र-छात्रा पीसीएस-जे में उत्तीर्ण हुए हैं जिसमें 17 छात्राएं हैं। सफल अभ्यर्थियों में मुस्लिम स्टूडेंट 10.65 फीसदी है जबकि केवल छात्राओं की 2.87 फीसदी। 102 ब्राह्मण अभ्यर्थी चुने गए हैं जिनकी हिस्सेदारी 16.72 फीसदी बैठती है। 

ज्यादा रिक्तियां, ज्यादा सलेक्शन
मेरठ। लॉ प्वाइंट के निदेशक पवित्र नारायण के अनुसार पहली बार यूपी में पीसीएस-जे के लिए इतनी रिक्तियां निकाली गईं। 2018 और 2003 में रिक्तियों की संख्या तीन सौ के आसपास रही। यह पहली बार है जब 610 पदों के लिए परीक्षा हुई। ऐसे में अधिक पद होने से सफल उम्मीदवारों की संख्या भी अधिक है। पवित्र नारायण के अनुसार छात्राएं अधिक फोकस होकर तैयारी करती हैं। इसका परिणाम सामने है। लड़कियों का पास प्रतिशत अधिक है।

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