UP Board : यूपी बोर्ड ने शुरू की तैयारी, 32 सप्ताह में बंटेगा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा का सिलेबस, होगा क्रिएटिव मू्ल्यांकन
अपनी स्थापना के 100वें साल में यूपी बोर्ड बच्चों के रचनात्मक मूल्यांकन की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए विषय विशेषज्ञों की कार्यशाला भी हो चुकी है और जल्द ही 28 हजार से अधिक स्कूलों में इसे लागू...
अपनी स्थापना के 100वें साल में यूपी बोर्ड बच्चों के रचनात्मक मूल्यांकन की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए विषय विशेषज्ञों की कार्यशाला भी हो चुकी है और जल्द ही 28 हजार से अधिक स्कूलों में इसे लागू करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। शुरुआत में इसे कक्षा 9 में लागू करेंगे और उसके बाद 10 से 12 तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसमें विभिन्न विषयों में विषयगत दक्षताओं के साथ बच्चों में अन्य व्यवहारिक दक्षताओं को चिह्नित करते हुए उनके विकास पर ध्यान दिया जाएगा। विशेषज्ञों से सुझाव मांगे गए हैं कि इन दक्षताओं के विकास के लिए किस प्रकार की गतिविधियों का चयन किया जाए। गतिविधियों को सत्र में कक्षा शिक्षण संग कैसे जोड़ा जाए। छात्र-छात्राओं की दक्षताओं के मापन के लिए क्या मानक होंगे और उनका रिकॉर्ड कैसे रखा जाए। इस पर मंथन चल रहा है। कार्यशाला में रहे विशेषज्ञों की मानें तो विद्यार्थियों के रचनात्मक मूल्यांकन के परिणामों का उपयोग कैसे करें, इस पर ध्यान दिया जा रहा है।
32 सप्ताह में बांटेंगे 9 से 12 तक का पाठ्यक्रम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यूपी बोर्ड ने भी तैयारी शुरू कर दी है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्धारित करने के लिए कार्यशालाएं हो रही हैं। सबसे महत्वपूर्ण कार्य कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम को सप्ताहवार बांटना है। 32 सप्ताह में पूरे कोर्स को बांटा जा रहा है। किस सप्ताह कौन सा विषय पढ़ाया जाएगा इसका खाका तैयार करने को विषय विशेषज्ञों को जिम्मेदारी दी गई है। पाठ्यक्रमों को तीन भाग में बांटा जा रहा है। पहला क्लासरूम टीचिंग के लिए निर्धारित टॉपिक, दूसरा डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पढ़ाने वाले विषय और तीसरे प्रोजेक्ट के तहत कवर होने वाली विषयवस्तु। कोरोना काल में डिजिटल पढ़ाई का महत्व बढ़ने के कारण इसे आगे भी जारी रखेंगे। पाठ्यक्रम विभाजन के बाद शासन को मंजूरी के लिए भेजेंगे और फिर अगले सत्र से लागू करेंगे।
अन्य दक्षताएं जिनके विकास पर बल देंगे
- शैक्षिक एवं चारित्रिक विकास
- सामूहिक कार्यशैली का विकास
- नेतृत्व क्षमता का विकास
- वाक् कौशल का विकास
- राष्ट्रीय भावना का विकास
पहल
- शुरुआत में कक्षा 9 से करेंगे लागू, विशेषज्ञों की हुई बैठक
- विषय के अलावा व्यवहारिक दक्षताओं पर देंगे ध्यान
- प्रोत्साहन और व्यक्तित्व विकास के लिए बोर्ड की कवायद
- यूपी बोर्ड के 28 हजार से अधिक स्कूलों में होगा लागू
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