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upmsp up board result 2021: प्राइवेट से इस बार भी पिछड़ गए राजकीय व एडेड स्कूलों के बच्चे

राजकीय तथा एडेड इंटर कॉलेजों के छात्रों के नंबर प्राइवेट की तुलना में इस बार भी कम आए हैं। बिना परीक्षा दिए भी प्राइवेट स्कूलों के बच्चों ने बाजी मार ली है। राजकीय इंटर कॉलेज जुबली में अधिकतम 76% अंक...

Alakha Ram Singh प्रमुख संवाददाता, लखनऊSat, 31 July 2021 07:17 PM
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राजकीय तथा एडेड इंटर कॉलेजों के छात्रों के नंबर प्राइवेट की तुलना में इस बार भी कम आए हैं। बिना परीक्षा दिए भी प्राइवेट स्कूलों के बच्चों ने बाजी मार ली है। राजकीय इंटर कॉलेज जुबली में अधिकतम 76% अंक एक बच्चे को मिले हैं। अन्य सरकारी कॉलेजों में बच्चों को 50 से 70 प्रतिशत के आसपास ही नंबर मिले हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों के बच्चे 95 प्रतिशत से ऊपर अंक हासिल करने में कामयाब हुए हैं।

परीक्षा न होने की वजह से इस बार उम्मीद थी कि राजकीय तथा एडेड कॉलेजों के बच्चों को भी अच्छे नंबर मिल सकते हैं लेकिन परिणाम जारी होने के बाद ऐसा दिखा नहीं है। राजधानी लखनऊ के ज्यादातर राजकीय इंटर कॉलेजों व एडेड में बच्चों को कम नंबर मिले हैं। राजकीय जुबली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि अभी तक उनके यहां विज्ञान वर्ग के एक बच्चे को अधिकतम 76% अंक मिले हैं। अन्य राजकीय इंटर कॉलेजों में भी बच्चों की परफारमेंस इसी के आसपास है। इससे इन स्कूलों के बच्चों को निराशा हुई है।

11वीं कक्षा में कम नंबर मिलने का रहा असर
11वीं कक्षा में 2020 में राजकीय तथा एडेड स्कूलों के बच्चों को कम नंबर मिले थे। कोविड की वजह से 2020 में राजकीय व एडेड स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई अच्छी नहीं हो पाई थी। वार्षिक परीक्षा परिणाम बहुत खराब आए थे। शासन के निर्देश पर सभी को प्रोन्नत कर दिया गया था। 2021 की बोर्ड परीक्षा हुई नहीं। बच्चों का रिजल्ट 2020 के 11वीं के प्राप्तांक के 40% के अंक जोड़कर बनाया गया। राजकीय जुबली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कहते हैं कि सरकारी स्कूलों ने बच्चों के 2020 के 9 वीं व 11 वीं के अंकों में कोई हेरफेर नहीं किया। जितने नंबर 2020 में थे वही बोर्ड भेजे गए। जबकि प्राइवेट स्कूलों ने 11वीं में भी बच्चों को अच्छे नंबर दिए। तमाम स्कूलों में शिकायत मिली थी कि उन्होंने 11 वीं के रिपोर्ट कार्ड बदल दिए और बच्चों के नम्बर बढ़ा दिए। जिसकी वजह से परीक्षा परिणाम में प्राइवेट स्कूलों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा रहा है। उनके अधिकतम बच्चे बच्चे 85 से 95 प्रतिशत अधिक अंक पाने में कामयाब हुए हैं।

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