UPMSP UP Board Exam : स्कूल प्रबंधक की मंशा भांपते ही भड़क उठे यूपी बोर्ड सचिव, जानें पूरा मामला
UPMSP UP Board Exam : यूपी बोर्ड की परीक्षा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 16 फरवरी से है लेकिन जिलों के स्कूल प्रबंधक अभी भी सेंटर बनवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं।
यूपी बोर्ड की परीक्षा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 16 फरवरी से है लेकिन जिलों के स्कूल प्रबंधक अभी भी सेंटर बनवाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। शुक्रवार को एक स्कूल प्रबंधक शासन के बड़े अफसर की सिफारिश लेकर बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल के ऑफिस में पहुंच गए। प्रबंधक की मंशा भांपते ही सचिव भड़क उठे और खड़े-खड़े बाहर का रास्ता दिखा दिया।
परीक्षा से पांच दिन पहले स्कूल को बोर्ड परीक्षा का केंद्र बनवाने की यह बेचैनी प्रबंधकों की मंशा पर भी सवाल खड़े करती हैं। जनवरी के दूसरे सप्ताह में केंद्रों की सूची फाइनल होने के बाद से आधा दर्जन से अधिक निजी स्कूलों के प्रबंधक केंद्र बनने के लिए हाईकोर्ट में याचिकाएं कर चुके हैं। ये अलग बात है कि किसी को सफलता नहीं मिली।
सवाल है कि वित्तविहीन स्कूलों में बोर्ड परीक्षा कराने की आखिरकार ऐसी भी क्या जिद है। एक बार मुकदमा करने में कम से कम 25 हजार रुपये खर्च होता है। साफ है कि शुचितापूर्वक और नकलविहीन परीक्षा की बजाय आर्थिक लाभ के उद्देश्य से वित्तविहीन स्कूल के प्रबंधक इतने रुपये फूंकते हैं। इसी लालच का परिणाम पिछले साल देखने को मिला था जब 30 मार्च 2022 को इंटरमीडिएट अंग्रेजी की परीक्षा से पहले बलिया से प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इसके कारण 24 जिलों की परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी।
पेपर लीक के कारण 2200 स्कूलों के तकरीबन 5.25 लाख छात्र-छात्राओं को परेशान होना पड़ा था। उससे पहले 2019 और 2020 की बोर्ड परीक्षा में भी प्रश्नपत्र आउट हुए थे। हकीकत में 2019 से ऑनलाइन केंद्र निर्धारण की व्यवस्था लागू होने के बावजूद जिले स्तर पर हस्तक्षेप पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है। हर साल हर जिले में एक से दो दर्जन तक स्कूल ऑफलाइन केंद्र बनाए जाते हैं। इनमें प्रभावशाली लोगों के स्कूलों के केंद्र बनने से लेकर रुपयों के लेनदेन के आरोप भी लगते हैं।
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