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UPMSP UP Board 10th,12th Exam result 2021: यूपी बोर्ड से सटीक सीबीएसई के रिजल्ट का फॉर्मूला, सीबीएसई ने बच्चों की वर्तमान उपलब्धि को बनाया आधार

यूपी बोर्ड ने अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का फॉर्मूला रविवार को सार्वजनिक कर दिया। हालांकि विशेषज्ञों की राय में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) का फॉर्मूला अधिक वैज्ञानिक और...

Anuradha Pandey संजोग मिश्र, प्रयागराजMon, 21 June 2021 09:49 AM
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यूपी बोर्ड ने अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का फॉर्मूला रविवार को सार्वजनिक कर दिया। हालांकि विशेषज्ञों की राय में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) का फॉर्मूला अधिक वैज्ञानिक और छात्र-छात्राओं के वर्तमान शैक्षणिक प्रदर्शन व उपलब्धि पर आधारित है। जबकि यूपी बोर्ड ने पुरानी कक्षाओं को रिजल्ट का आधार बनाया है।

यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल के परिणाम के लिए कक्षा 9 व 10वीं प्री-बोर्ड के अंकों को 50-50 प्रतिशत अधिभार दिया है। साफ है कि कक्षा 9 के अंकों को 50 प्रतिशत महत्व दिया गया है। 10वीं की छमाही परीक्षा के अंकों को नहीं जोड़ा है क्योंकि यूपी बोर्ड में छमाही परीक्षा की अनिवार्यता ही नहीं है। जबकि सीबीएसई ने कक्षा 9 के अंकों को कोई महत्व नहीं दिया है।

सीबीएसई ने 10वीं के रिजल्ट के लिए 20 नंबर इंटर्नल, 10 अंक यूनिट टेस्ट, 30 नंबर छमाही और 40 अंक प्री-बोर्ड के लिए निर्धारित किए हैं। इसी प्रकार यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट के लिए हाईस्कूल के अंकों को 50 प्रतिशत, 11वीं की वार्षिक-अर्धवार्षिक परीक्षा के अंकों को 40 फीसदी और कक्षा 12 के प्री-बोर्ड रिजल्ट के 10 फीसदी अंक जोड़ने का निर्णय लिया है। 

सीबीएसई ने 12वीं के लिए 10वीं के अंकों को 30 प्रतिशत, 11वीं को 30 प्रतिशत और 12वीं की छमाही, प्री-बोर्ड और टेस्ट को मिलाकर 40 प्रतिशत अधिभार दिया है। यानि 12वीं में भी सीबीएसई ने बच्चे की वर्तमान स्थिति पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। 

इनका कहना है
सीबीएसई का फॉर्मूला ज्यादा सटीक व तार्किक है। उन्होंने बच्चे की वर्तमान स्थिति पर ज्यादा जोर दिया है। यूपी बोर्ड ने 10वीं और 12वीं में क्रमश: कक्षा 9 और 10 के अंकों पर ज्यादा जोर दिया है। सीबीएसई का नजरिया अधिक वैज्ञानिक है कि बच्चा जिस क्लास में है उसी क्लास के शैक्षणिक प्रदर्शन या उपलब्धि के आधार पर नंबर देना चाहिए। पिछली परीक्षाओं को संदर्भ के रूप में ले सकते हैं, ज्यादा अंक देना उचित नहीं है।
डॉ. आरडी शुक्ला, राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित और सीबीएसई से संचालित अभिनव विद्यालय दांदूपुर के प्रधानाचार्य 

 

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