UPHESC Recruitment: दो साल में 60 से अधिक ने छोड़ा प्राचार्य का पद
प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 49 के तहत चयनित 60 से अधिक प्राचार्यों ने दो साल के अंदर पद छोड़ दिया। किसी ने प्रबंधन से विवाद तो किसी ने दूरी आदि के कारण से पद छोड़ दिया।
UPHESC Recruitment: प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 49 के तहत चयनित 60 से अधिक प्राचार्यों ने दो साल के अंदर पद छोड़ दिया। किसी ने प्रबंधन से विवाद तो किसी ने दूरी आदि के कारण से पद छोड़ दिया। तमाम प्राचार्य पूर्व के कॉलेज में ही प्रोफेसर के पद पर प्रमोशन होने के बाद नए कॉलेज में नहीं गए। इसकी सूचना क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजी गई है। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से चयनित प्राचार्यों के पद छोड़ने के कारण कॉलेज फिर से कार्यवाहक प्राचार्य के हवाले हो गए हैं।
आयोग ने अगस्त 2021 के दूसरे सप्ताह में प्राचार्य भर्ती का परिणाम घोषित किया था। पहली बार लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। 290 पदों के सापेक्ष 284 प्राचार्यों को नियुक्ति पत्र जारी हुए थे। लेकिन दो साल के अंदर 20 फीसदी से अधिक पद फिर से खाली हो गए हैं। अब रिक्त पदों पर चयन नए शिक्षा सेवा आयोग के माध्यम से होगा।
इस सप्ताह भेजेंगे कृषि सहायकों का संशोधित डाटा
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से कृषि प्राविधिक सहायक की प्रस्तावित भर्ती के लिए 906 अभ्यर्थियों का संशोधित डाटा कृषि निदेशालय लखनऊ को इसी सप्ताह भेजा जाएगा। आयोग ने पूर्व में डाटा भेजा था जो निर्धारित फॉर्मेट पर न होने के कारण फिर से मांगा गया था। आयोग के मीडिया प्रभारी विनोद गौड़ का कहना है कि इस सप्ताह निर्धारित फॉर्मेट पर डाटा भेज दिया जाएगा। यूपीपीएससी ने 2013 में 6628 पदों पर भर्ती निकाली थी। परिणाम आने के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका कर दी। इसके चलते 906 चयनित अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग रोक दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर इन्हें उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से प्रस्तावित कृषि प्राविधिक सहायक के 3466 पदों पर भर्ती में शामिल होना है।
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