UPHESC: कोरोना की भेंट चढ़ी असिस्टेंट प्रोफेसर की काउंसिलिंग
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में हिन्दी और राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 278 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग भी कोरोना वायरस की भेंट...
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में हिन्दी और राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 278 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग भी कोरोना वायरस की भेंट चढ़ गई है। इन दोनों विषयों की काउंसिलिंग शुरू कर चयनित अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित किए जाने की प्रक्रिया ठप हो गई है, जो अब स्थिति सामान्य होने के बाद ही शुरू हो सकेगी।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने सात मार्च को विज्ञप्ति जारी कर इन दोनों विषयों के चयनित अभ्यर्थियों से उनके फोन नंबर के बारे में जानकारी मांगी थी, कि आवेदन के वक्त उनकी ओर से दिया गया मोबाइल नंबर कहीं परिवर्तित तो नहीं हो गया है। अभ्यर्थियों को यह जानकारी एक निर्धारित प्रोफार्मा पर देनी थी। यह काउंसिलिंग की पहली प्रक्रिया है। इसे इसलिए किया जाता है क्योंकि काउंसिलिंग में मोबाइल की अहम भूमिका होती है। ओटीपी आदि उसी पर भेजा जाता है।
यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लेकिन आगे की प्रक्रिया शुरू होती इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर शोर शुरू हो गया। निदेशक डॉ. वंदना शर्मा कहती हैं कि स्थिति सामान्य होने के बाद काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 47 के तहत इन दोनों विषयों के असिस्टेंट प्रोफसेर का चयन किया है। हिन्दी के लिए 166 और राजनीति विज्ञान के लिए 121 असिस्टेंट प्रोफेसर चयनित किए गए हैं। विज्ञापन संख्या 47 में सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में रिक्त 35 विषयों के 1150 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद शामिल थे। समाजशास्त्र और शिक्षाशास्त्र को छोड़ शेष 33 विषयों का परिणाम घोषित किया जा चुका है।
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