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यूपी के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की परीक्षाएं सितंबर तक, स्कूल में अगस्त तक कक्षाएं नहीं : डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर अगस्त तक राज्य के स्कूल एवं कॉलेजों में कक्षाएं संचालित होने की संभावना नहीं है लेकिन स्नातक एवं...

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान टीम, वाराणसीSat, 11 July 2020 10:49 AM
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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस के मद्देनजर अगस्त तक राज्य के स्कूल एवं कॉलेजों में कक्षाएं संचालित होने की संभावना नहीं है लेकिन स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष की परीक्षाएं अगस्त-सितंबर में आयोजित की जाएंगी। डॉ. शर्मा ने वचुर्अल संवाददाता सम्मेलन में वाराणसी के मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निदेर्शों के अनुसार 31 जुलाई तक स्कूल या कॉलेज में कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। अगस्त महीने में कुछ परीक्षाएं आयोजित होने के बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे कक्षाएं संचालित करने या नहीं के बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि स्थिति उच्च शिक्षा के मामले में यूजीसी द्वारा जारी दिशा-निदेर्शों के तहत परीक्षाएं एवं कक्षाएं संचालित करने के बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। परीक्षाएं भी उसी के अनुरूप आयोजित की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री कहा कि कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन और टीवी के माध्यम से संचालित की गई कक्षाएं काफी सफल रही हैं। इसमें आने वाली बाधाओं को दूर कर इसे सुगम बनाया जाएगा, ताकि किसी को भी पढ़ाई में कोई परेशानी न हो।

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ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने में इंटरनेट कनेक्टिविटी की बार-बार आ रही समस्या संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसका हल जल्द निकाला जाएगा। केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के समक्ष इस मसले को रखा जाएगा।  
    

मेरिट के आधार पर भी प्रवेश संभव : उपमुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में मेरिट के आधार पर भी प्रवेश लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए इस वर्ष यूपी बोर्ड में भी कक्षा नौ से 12 तक पाठ्यक्रमों में 30 फीसदी कमी कर दी गई है।

अग्रिम फीस के लिए कोई दबाव न दें कॉलेज    
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल प्रशासन को स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों को वेतन दिए जाएंगे तथा बच्चों की अग्रिम फीस के लिए किसी प्रकार से दवाब नहीं बनाया जायेगा। फीस की वसूली एकमुश्त तीन माह की बजाय हर माह जमा करने की व्यवस्था की जाएगी। जो अभिभावक हर महीने बच्चों की स्कूल फीस हर महीने देने की स्थिति में नहीं होंगे, उनके लिए किस्तों में जमा करने की व्यवस्था की जाएगी।

अब सात से 50 रुपये में मिल रहीं किताबें 
उन्होंने कहा कि छात्रों का कम से कम नुकसान हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यूपी बोर्ड में अब एनसीईआरटी की पुस्तकें चलाई जा रही है। ऐसे में जो किताबें पहले 100- 150 रुपये में मिलती थीं, अब  सात से 50 रुपये में मिल रही है। बगैर किसी को जेल में भेजे मॉडल टेक्नोलॉजी से नकल विहीन परीक्षा कराने में भी हम सफल हुए हैं।
 

       

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