यूपी : इंटर कॉलेजों में भर्ती के लिए शिक्षकों को देनी होगी टीईटी
उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती के लिए अब शिक्षकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। इसके लिए टीईटी-3 यानी तीसरे स्तर की परीक्षा कराई जाएगी। सरकारी और सहायता...
उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती के लिए अब शिक्षकों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करनी होगी। इसके लिए टीईटी-3 यानी तीसरे स्तर की परीक्षा कराई जाएगी। सरकारी और सहायता प्राप्त के साथ ही प्रदेश के सभी हाई स्कूलों और इंटर कॉलेजों (कक्षा नौवीं से बारहवीं) में भी ये व्यवस्था लागू होगी। इसकी रूपरेखा 2021-22 के शैक्षिणिक सत्र में तैयार हो जाएगी। उम्मीद है कि 2023 के बाद वाली भर्तियों में टीईटी अनिवार्य कर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत यह लागू किया जाएगा। अभी तक कक्षा एक से आठ तक के लिए दो अलग-अलग स्तरों की टीईटी होती है।
नई व्यवस्था के लिए एलटी ग्रेड की शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन किया जाएगा। अभी तक सरकारी स्कूलों में भर्ती लोक सेवा आयोग और सहायता प्राप्त स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग लिखित परीक्षा से करता है। लेकिन इस संशोधन के बाद शिक्षकों को पहले टीईटी भी पास करना होगा। इसके अलावा शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा, शैक्षिक गुणांक के अलावा साक्षात्कार व पढ़ाने के प्रदर्शन को भी जोड़ा जाएगा। अभी तक लोक सेवा आयोग से लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती की जा रही है। कक्षा एक से पांच तक और कक्षा 6 से 8 तक के लिए अलग-अलग अध्यापक पात्रता परीक्षा होती है। यह तीसरे स्तर की परीक्षा होगी जो हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों के लिए मान्य होगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद और परीक्षा नियामक प्राधिकारी के बीच में समन्वय स्थापित किया जाएगा।
टीईटी से चयनित होंगे योग्य शिक्षक, पढ़ाई का स्तर सुधरेगा
अध्यापक पात्रता परीक्षा से योग्य शिक्षक मिलेंगे। इससे पढ़ाई और शिक्षकों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी। शिक्षकों की भर्ती में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां पाने के कई मामले सामने आ चुके हैं, क्योंकि भर्तियां शैक्षिक गुणांक के आधार पर हो रही थीं। टीईटी से इस फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा। राज्य में प्राइमरी व माध्यमिक शिक्षा की शिक्षक भर्तियों में लिखित परीक्षा पहले ही अनिवार्य की जा चुकी है।
2025 तक तक होने वाली रिक्तियों की गणना होगी
शिक्षक के खाली पदों की संख्या के आकलन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्था होगी ताकि इसके लिए इंतजार न करना पड़े। मानव सम्पदा पोर्टल व अन्य स्रोतों से 2025 तक होने वाली शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की रिक्तियों की गणना जून 2021 तक कर ली जाएगी और चयन करने वाली संस्था को समय सीमा के अंदर प्रस्ताव भेजा जाएगा। शिक्षक भर्ती का वर्षवार कैलेण्डर भी बनाया जाएगा।
सहायता प्राप्त स्कूलों में अप्रैल, 2021 तक भर्ती
माध्यमिक शिक्षा विभाग की नई शिक्षा नीति की कार्ययोजना के मुताबिक अप्रैल 2021 तक सहायता प्राप्त स्कूलों में सभी रिक्तियों पर भर्ती करनी है। हालांकि ये संभव नहीं है, क्योंकि 15508 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन रद्द हुए दो महीने से अधिक समय हो चुका है और अभी तक माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग भर्ती के लिए दोबारा विज्ञापन नहीं निकाल पाया है। पंचायत चुनाव के कारण ये भर्तियां अप्रैल तक होनी मुश्किल हैं। आवेदन लेने की प्रक्रिया से लेकर लिखित परीक्षा तक तीन से चार महीने लग जाते हैं।
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