Hindi Newsकरियर न्यूज़UP Teacher Recruitment 2020: protest against 100 years old rule in UPSESSB TGT PGT Recruitment vacancy

टीजीटी पीजीटी भर्ती 2020 : 100 साल पुराने नियमों के विरोध में गरजे

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) 2020 भर्ती में कला विषय में 100 साल पुराने नियमों के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने शुक्रवार को यूपी बोर्ड...

Pankaj Vijay वरिष्ठ संवाददाता, प्रयागराजSat, 7 Nov 2020 09:49 AM
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सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) 2020 भर्ती में कला विषय में 100 साल पुराने नियमों के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने शुक्रवार को यूपी बोर्ड मुख्यालय में प्रदर्शन किया। बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए), मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स (एमएफए) और बीए पेंटिंग जैसी उच्च योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों ने इंटर स्तर की योग्यता के आधार पर चयन प्रक्रिया शुरू करने को लेकर सवाल उठाए।

सचिव यूपी बोर्ड को ज्ञापन देकर पुराने नियमों को संशोधित करने और उसके अनुरूप भर्ती करने की मांग की। अभ्यर्थियों का कहना है कि 4 साल प्रोफेशनल कोर्स करने का क्या फायदा जब शिक्षक भर्ती में इंटर योग्यता वालों को अवसर देना है। 2020 में इंटरमीडिएट शिक्ष अधिनियम 1921 मान्य क्यों है। लाहौर के मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स की टीचर सीनियर सर्टिफिकेट का आजादी के 73 साल बाद शैक्षिक अर्हता में शामिल होना चिंता का विषय है।

कला विषय पूर्णतया प्रायोगिक है। इसमें चयन के लिए प्रायोगिक परीक्षा की व्यवस्था नहीं होने से अन्य विषयों के विद्यार्थी इसका अनावश्यक लाभ उठाते हैं। सीबीएसई या सीआईएससीई जैसे बोर्ड जहां प्राविधिक कला कोर्स में ही नहीं है, वहां के छात्र कैसे आवेदन करेंगे। प्रतियोगी छात्रों ने सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ला को ज्ञापन देकर विषय संबंधी विसंगति दूर कराने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में प्रदीप विश्वकर्मा, रजनीकांत मिश्रा, दीपक कुमार विश्वकर्मा, अखिलेश कुमार, रिपुदमन यादव और अजय सिसोदिया आदि रहे।

- टीजीटी-पीजीटी 2020 की भर्ती में कला विषय का मामला
- यूपी बोर्ड मुख्यालय में बीएफए, एमएफए वालों  का प्रदर्शन
- सचिव को ज्ञापन देकर विसंगति दूर करने की मांग की
- माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने निकाली है शिक्षक भर्ती 

स्कूल में विषय की मान्यता नहीं, शिक्षकों की कर दी तैनाती 
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की गलती की सजा बेरोजगारों को मिल रही है। टीजीटी-पीजीटी 2016 में चयनित शिक्षकों को उन स्कूलों में तैनाती दे दी गई जहां उस विषय की मान्यता ही नहीं है। चयनित शिक्षक जब कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। अब ये अभ्यर्थी स्कूल के प्रबंधक, जिला विद्यालय निरीक्षक, चयन बोर्ड और शिक्षा निदेशालय की ठोकरें खा रहे हैं।उदाहरण के तौर पर मथुरा की अनुराधा फौजदार का टीजीटी गृह विज्ञान में चयन हुआ था। उन्हें गोपी राम पालीवाल इंटर कॉलेज अलीगढ़ आवंटित हुआ। जब वे कार्यभार ग्रहण करने पहुंची तो पता चला कि यहां हाईस्कूल गृह विज्ञान की मान्यता ही नहीं है। इसी प्रकार पूरन चंद प्रवक्ता भौतिक, धीरज कुमार प्रवक्ता रसायन और सुबोध कुमार का प्रवक्ता गणित के पद पर चयन हुआ था। तीनों को चैनराम बाबा इंटर कॉलेज बलिया संस्था आवंटित हुई। 
 

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