Hindi Newsकरियर न्यूज़UP Shikshak Vacancy: 77 percent posts of teachers vacant churning on transfer for two and a half years

UP Shikshak Vacancy: शिक्षकों के 77% पद खाली, ढाई साल से तबादले पर मंथन

UP Shikshak Vacancy News: परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानान्तरण तो हो गए लेकिन ग्रामीण से नगर क्षेत्र में तबादले का इंतजार 12 साल बाद भी खत्म नहीं हुआ। बेसिक शिक्षा परिषद के नगर क्षेत्र में संचाल

Alakha Ram Singh प्रमुख संवाददाता, प्रयागराजMon, 3 July 2023 07:43 PM
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UP Shikshak Vacancy News: परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानान्तरण तो हो गए लेकिन ग्रामीण से नगर क्षेत्र में तबादले का इंतजार 12 साल बाद भी खत्म नहीं हुआ। बेसिक शिक्षा परिषद के नगर क्षेत्र में संचालित प्रदेशभर के 3906 प्राथमिक स्कूलों में आठ महीने पहले कार्यरत शिक्षकों की संख्या 3390 थी। यदि प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षक का भी औसत मान लें तो 516 स्कूल शिक्षकविहीन थे। जबकि आरटीई मानक के अनुसार 14939 शिक्षक होने चाहिए और उस आधार पर 77 प्रतिशत पद रिक्त थे। इसी प्रकार नगर क्षेत्र के 1198 उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 40 प्रतिशत पद रिक्त हैं।

यह स्थिति आठ महीने पहले की है। 31 मार्च 2023 को शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के बाद हालात और बदतर हुए हैं लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर पिछले ढाई साल से ग्रामीण से नगर क्षेत्र में विकल्प के आधार पर शिक्षकों के तबादले पर सिर्फ मंथन ही कर रहे हैं। महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने 24 दिसंबर 2020 को शिक्षकों के ग्रामीण से नगर क्षेत्र में तबादले का प्रस्ताव शासन को भेजा था। उसके बाद 31 मार्च 2021 और फिर 14 अक्टूबर 2022 को ग्रामीण से नगर क्षेत्र में तबादले का प्रस्ताव शासन को भेजा गया लेकिन कुछ नहीं हुआ।

2011 में ग्रामीण से नगर क्षेत्र में हुआ था तबादला
प्रयागराज। परिषदीय शिक्षकों का ग्रामीण और नगर क्षेत्र का अलग-अलग कैडर होता है। नगर क्षेत्र के स्कूलों में सीधे नियुक्ति नहीं होती बल्कि ग्रामीण क्षेत्र से ही नगर क्षेत्र में भेजा जाता है। आखिरी बार 2011 में शिक्षकों के ग्रामीण से नगर क्षेत्र में तबादले किए गए थे। उसके बाद से प्रक्रिया ठप पड़ी है। आरटीई के अनुसार कक्षा एक से पांच तक में 30 बच्चों पर एक और कक्षा छह से आठ तक के 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना अनिवार्य है। लेकिन नगर क्षेत्र के स्कूलों में 2011 के बाद से शिक्षकों की तैनाती न होने के कारण लगभग एक चौथाई पद खाली हैं।

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