UP Scholarship 2023: बायोमैट्रिक हाजिरी के बिना नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति
यूपी सरकार ने छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बड़ा फैसला किया है। बायोमैट्रिक हाजिरी के बिना किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। इस फैसले को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। समाज कल्य
राज्य सरकार छात्रवृत्ति के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार आधारित बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने जा रही है। अगले साल से सभी स्कूल और कॉलेजों में इसे अनिवार्य रूप से लागू करने की तैयारी है। समाज कल्याण विभाग इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जल्द जारी करने जा रहा है।
समाज कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार पात्र छात्रों को हर संभव सुविधा देना चाहती है। इसीलिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जा रही है। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। इसे लागू करने के लिए समय सारिणी जारी कर दी गई है।
राज्य सरकार हर साल करीब 50 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान करती है। दशमोत्तर (कक्षा 11 से ऊपर) छात्रवृत्ति पाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने कक्षाओं में विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति अनिवार्य है। इससे कम उपस्थिति पर छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलता है।
पहले चरण में डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ से संबद्ध संस्थान, स्टेट मेडिकल फैकल्टी से संबद्ध संस्थान, उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसन बोर्ड से संबद्ध संस्थान, उत्तर प्रदेश आयुर्वेद योगा, यूनानी, तिब्बी बोर्ड से संबद्ध संस्थान, समस्त राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध बीएड पाठ्यक्रम वाले संस्थानों के साथ ही सभी निजी विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था लागू होगी।
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