10वीं में फेल होने वाला ये लड़का बनेगा DSP, पिता हैं यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल
प्रयागराज के अभिषेक चौबे यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पढ़ाई में जुटे रहे। उन्होंने हाल में BPSC की 67वीं सिविल सेवा परीक्षा में 24वीं रैंक हासिल की।
बोर्ड, एंट्रेंस व भर्ती परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन से मायूस व कम नंबर आने की आंशका से तनावग्रस्त छात्रों के लिए यूपी के अभिषेक चौबे की कहानी काफी सीख देने वाली है। प्रयागराज के अभिषेक चौबे यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा में फेल हो गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पढ़ाई में जुटे रहे। अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति के दम पर उन्होंने हाल में बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं सिविल सेवा परीक्षा में 24वीं रैंक हासिल की। बीपीएससी 67वीं में डिप्टी एसपी के पद पर चयनित अभिषेक चौबे के पिता राकेश चौबे यूपी पुलिस में हेड कांस्टेबल हैं। वह प्रयागराज जिले के कैंट थाने में तैनात हैं। वह मूल रूप से गाजीपुर में भावरकोल थाना के मलसा गांव के रहने वाले हैं।
अभिषेक की प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही हुई। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। सोशोलॉजी से पीजी किया। सोशोलॉजी विषय ही सिविल सेवाओं में उनका वैकल्पिक विषय होता है। अभिषेक ने वर्ष 2018 से यूपीएससी, बीपीएससी समेत विभिन्न सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी शुरू की थी। 67वीं वाला इंटरव्यू उनका छठा सिविल सेवा इंटरव्यू था। इससे पहले वह सिविल सेवा परीक्षाओं के पांच इंटरव्यू दे चुके हैं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मेरे पिता पुलिस सर्विस में हैं, तो बचपन से ही पुलिस में जाने की रुचि थी। मैंने अपना प्रेफरेंस पुलिस सर्विसेस को दिया है। मेरी रैंक 24 थी। मुझे प्रशासनिक सेवा मिल सकती थी लेकिन मैने पुलिस सेवा को प्रेफरेंस पर रखा। आगे यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करता रहूंगा। हालांकि इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है।'
उन्होंने कहा, 'मेरा सबसे बड़ा मंत्र रहा है लगातार मेहनत करते रहना। मेरा यह छठा इंटरव्यू था। सिविल सेवा परीक्षाओं में पांच बार वह इंटरव्यू दे चुका हूं। सिविल सेवा परीक्षा एक ऐसी परीक्षा है कि जिसमें यह बिल्कुल मायने नहीं रखता है कि आपका बैकग्राउंड क्या है, आप किस क्षेत्र से आते हैं, आपकी आर्थिक या सामाजिक पृष्ठभूमि क्या है, बस यह मायने रखता है कि आपके अंदर उस सर्विसेज का जुनून है या नहीं।
बीपीएससी 67वीं का रिजल्ट 28 अक्टूबर को जारी किया गया था। 802 वैकेंसी के लिए 799 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। परीक्षा में अमन आनंद ने पहला, निकिता कुमारी ने दूसरा और अंकिता चौधरी ने तीसरा स्थान हासिल किया। चौथे पर खालिद हयात और पांचवें पर ऋषव आनंद रहे। बिहार प्रशासनिक सेवा के लिए 88, बिहार पुलिस सेवा (डीएसपी) के लिए 20, राज्य टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर के लिए 21, जेल सुपरिटेंडेंट के लिए 3, सब इलेक्शन ऑफिसर के लिए 4, बिहार एजुकेशन सर्विस के लिए 12, एक्साइस सुपरिटेंडेंट के लिए 2, सब रजिस्ट्रार , जॉइंट सब रजिस्ट्रार के लिए 5 का चयन हुआ है।
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