Hindi Newsकरियर न्यूज़UP Polytechnic : Future of 10 thousand students of polytechnic institutions not safe

UP Polytechnic : पॉलीटेक्निक संस्थानों के 10 हजार छात्रों का भविष्य अधर में

उत्तर प्रदेश के राजकीय, अनुदानित और निजी पॉलीटेक्निक से विविध पाठ्यक्रमों की पढ़ाई वर्ष 2019 में पूरी करने वाले दस हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है। 2019 में अन्तिम वर्ष की परीक्षा...

Pankaj Vijay जावेद मुस्तफा, लखनऊThu, 28 Oct 2021 12:40 PM
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उत्तर प्रदेश के राजकीय, अनुदानित और निजी पॉलीटेक्निक से विविध पाठ्यक्रमों की पढ़ाई वर्ष 2019 में पूरी करने वाले दस हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है। 2019 में अन्तिम वर्ष की परीक्षा देने वाले दस हजार से अधिक छात्र ऐसे हैं जिनकी बैक लगी थी। बैक लगने के बाद प्राविधिक शिक्षा परिषद इन छात्रों को भूल गया।

लापरवाही का आलम ये है कि बैक वाले छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराना तो दूर परीक्षा के आवेदन भी नहीं मांगे गए। इस वजह से बैक वाले छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद भी कहीं एडमिशन लेने के पात्र नहीं हैं। न ही नौकरी के लिए पॉलीटेक्निक का डिप्लोमा मान्य है। लखनऊ, आजमगढ़, रायबरेली, गोण्डा, गोरखपुर व अन्य जिलों के छात्र अपने-अपने कॉलेजों के चक्कर लगा-लगा कर थक गए लेकिन कहीं से कोई उचित जवाब नहीं मिला। सिर्फ आश्वासन देकर इन अभ्यर्थियों को लौटा दिया जाता है।

वर्ष 2019 के बाद वर्ष 2020 की परीक्षाएं ऑफलाइन हुईं। स्पेशल बैक वालों की परीक्षाएं भी इसके साथ ही कराई जा सकती थीं।

लेकिन बैक वाले छात्रों की गिनती ही नहीं गई। परिषद की उदासीनता की वजह से छात्रों की पढ़ाई रुक गई और परिषद के चक्कर लगाने के बाद भी इन छात्र-छात्राओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार परीक्षाफल समिति की बैठक में इन छात्रों का मुद्दा भी नहीं रखा गया था। बिना परीक्षा फल समिति की संस्तुति के कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है।

कॉलेजों को नहीं भेजे टीआर
जानकारी के अनुसार इस वर्ष पॉलीटेक्निक परीक्षा परिणाम जारी हुए काफी समय बीत गया है लेकिन अभी तक परिषद की ओर से कॉलेजों को परिणाम पंजिका (टीआर) नहीं भेजी जा सकी हैं। टीआर के माध्यम से ही कॉलेजों को पता चलता है कि उनके कॉलेज के कितने बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं और कितने अनुत्तीर्ण। अन्य जरूरी जानकारियां भी रहती हैं।

यू-राईज ने तो फार्म ही नहीं भरवाया
पॉलीटेक्निक परीक्षा के फार्म भराने से लेकर परीक्षा कराने तक के सभी कार्य यू-राईज से होते हैं। इसलिए बैक परीक्षा समय से नहीं कराना यू-राईज की नाकामी है। दो साल से बैक वाले छात्रों की यू-राईज परीक्षा कराना भूल गया है। इससे पूर्व परीक्षा के दौरान यू-राईज ने ब्लैंक प्रवेश पत्र तक जारी कर दिए थे। जिसके बाद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं छूट गई थी। प्रवेश पत्र पर परीक्षा केन्द्र तक का नाम नहीं था।

सुनील कुमार सोनकर (सचिव, प्राविधिक शिक्षा परिषद) ने कहा, वर्ष 2019 की परीक्षा में जिन छात्रों की बैक लगी है, उनकी समस्या का समाधान करने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही इस वर्ष की परीक्षा परिणाम के टीआर कॉलेजों को भेजना शुरू कर दिए हैं।

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