UP Police Constable result 2018: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती की टॉपर अंतिमा सिंह ने पहले पाई थी असफलता, दूसरी बार में किया टॉप, देखें वीडियो
किसान की बेटी अंतिमा सिंह ने पुलिस भर्ती परीक्षा में पहली बार नाकाम रहने के बाद हिम्मत नहीं हारी बल्कि और अधिक तैयारी की। नतीजतन दूसरे प्रयास में उसने न सिर्फ सफलता की बल्कि महिला वर्ग में प्रदेश की...
किसान की बेटी अंतिमा सिंह ने पुलिस भर्ती परीक्षा में पहली बार नाकाम रहने के बाद हिम्मत नहीं हारी बल्कि और अधिक तैयारी की। नतीजतन दूसरे प्रयास में उसने न सिर्फ सफलता की बल्कि महिला वर्ग में प्रदेश की टापर बन गई। साण्डी ब्लाक क्षेत्र के गांव भदार निवासी सुनील सिंह खेतीबाड़ी करके परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। वह एमकाम तक पढ़े हैं। रिसर्च स्कालर भी रहे। उनकी पत्नी अनीता सिंह इंटरमीडिएट तक पढ़ी हैं। वह 2001 में गांव की प्रधान भी रही हैं। शिक्षा को तरक्की का आधार मानने वाले दंपति ने हरदोई शहर के मोहल्ला बोर्डिंग हाउस में किराए के मकान में रहकर बच्चों को बढ़ाया। पुलिस भर्ती निकलने पर 2013 में बड़ी बेटी ने फार्म भरा। इसमें बड़ी बेटी सुरभि सिंह का चयन हो गया। वह इस समय लखनऊ में ट्रेनिंग कर रही है। वहीं अंतिमा सिंह ने 2018 में पहली बार पुलिस भर्ती परीक्षा दी। इसमें रनिंग न क्वालीफाइ करने के कारण बाहर हो गई।
उस वक्त माता-पिता उसके संबल बने। दोनों ने बेटी के हौंसले को बढ़ाया। अंतिमा ने भी अगली बार और अधिक पढ़ाई व फिजिकल तैयारी के साथ परीक्षा देने की ठानी। 2019 में दुबारा परीक्षा देने के बाद जब रिजल्ट आया तो पता चला कि उसने इतिहास रच दिया है। अंतिमा ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई शहर के बेनीमाधव इंटरकालेज (एडेड विद्यालय) से की। ग्रेजुएशन माधौगंज क्षेत्र के रामलाल महाविद्यालय (निजी कालेज) से पास किया।
शुरुआत से ही मेहनती है अंतिमा
हरदोई। टापर अंतिमा सिंह के पिता सुनील सिंह का कहना है कि पढ़ने में शुरुआत से ही मेहनत करती थी। उम्मीदों से ज्यादा सफलता प्राप्त की। सभी लोग बेटियों को भी पढ़ाएं। बड़ी बेटी ट्रेनिंग कर रही है। देश व समाज की सेवा करेगी। उन्होंने बताया कि अंतिमा शुरु से ही देश की सेवा करना चाहती हूं। पुलिस भर्ती के लिए जमकर तैयारी करती थी। फिजिकल तैयारी भी काफी समय से करती थी। सोमवार की रात गांव से आया तो बताया गया कि अंतिमा ने टाप किया है। बेटी से बात हुई बहुत खुश है। उन्हें उम्मीद नहीं थी पर विश्वास था कि अच्छे नंबर आएंगे।
बेटी व बेटे में नहीं करना चाहिए अंतर
हरदोई। टापर अंतिमा की मां अनीता सिंह का कहना है कि उनके दो बेटे व दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी के बाद छोटी बेटी ने पुलिस में भर्ती होकर पूरे परिवार का मान बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि पढ़ने के लिए कहना नहीं पड़ता था। हमेशा अपने आप पढ़ने बैठ जाया करती थी। इस समय वह गवर्नमेंट कालेज एटा में डीएलएड की पढ़ाई कर रही है। उन्होंने कहा कि बेटे व बेटियों में अंतर नहीं करना चाहिए। दोनों को समान रूप से पढ़ाएं। बेटियां भी किसी मायने में कम नहीं हैं।
किसान की बेटी के कमाल से गांव में जश्न
हरदोई। किसान सुनील सिंह की दोनों बेटियों के पुलिस में चयनित होने और अंतिमा द्वारा परीक्षा टाप करने की खबर से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। मंगलवार सुबह यह बात गांव भदार में फैल गई। अंतिमा के परिवार के लोगों को बधाई देने के लिए गांव के बुजुर्ग व महिलाएं भी पहुंची। सुनील ने बताया कि वे हमेशा गांव वालों को प्रेरित करते हैं कि बेटा व बेटी दोनों को पढ़ाएं। उनकी दोनों बेटियों ने पुलिस में चयनित होकर उनकी मेहनत को साकार कर दिया है। न सिर्फ अब वे अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं, बल्कि देश की भी सेवा कर सकेंगी। बेटियां बोझ नहीं होती हैं, बल्कि सही पालन, पोषण व मौका मिलने पर वे भी देश व समाज की जिम्मेदारियों का बोझ अपने कंधे पर उठा सकती हैं।
अब अंतिमा न सिर्फ अपने गांव बल्कि आसपास क्षेत्र में पढ़-लिखकर कैरियर बनाने की इच्छुक बेटियों के लिए रोल माडल बनकर उभरी है। आम तौर पर गांव के लोग पढ़ाई लिखाई के लिए शहर में रहने से कतराते हैं। लेकिन अब उनकी हिम्मत बढ़ेगी।
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