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यूपी पुलिस भर्ती : कंपनी के कर्मचारियों ने ही लगा दी भर्ती में सेंध, फिर सामने आया बिहार के सॉल्वर गैंग का कनेक्शन

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में बिहार के सॉल्वर गैंग का एक बार फिर कनेक्शन सामने आया है। पुलिस भर्ती प्रक्रिया में दौड़ कराने और रिकार्ड सुरक्षित रखने का जिम्मा जिस कंपनी को दिया गया, उसके ही...

Pankaj Vijay मुख्य संवाददाता , मेरठThu, 16 Jan 2020 05:29 PM
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यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में बिहार के सॉल्वर गैंग का एक बार फिर कनेक्शन सामने आया है। पुलिस भर्ती प्रक्रिया में दौड़ कराने और रिकार्ड सुरक्षित रखने का जिम्मा जिस कंपनी को दिया गया, उसके ही कर्मचारियों ने भर्ती में सेंध लगा दी। बिहार के सॉल्वर गैंग से मिलकर इसी कंपनी के कर्मचारियों ने साजिद नामक अभ्यर्थी से बड़ी रकम वसूली। पुलिस ने मुन्नाभाई समेत आरोपी दोनों कर्मचारियों की भी गिरफ्तारी कर ली है। तीन अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। पुलिस अब बिहार के सॉल्वर गैंग, परीक्षा देने वाले आरोपी और तीन अन्य की तलाश में है, जिनके नाम सामने आए हैं।

यूपी पुलिस भर्ती में सॉल्वर गैंग सक्रिय है। लगातार सेंधमारी करते हुए ये गिरोह अभ्यर्थियों को शिकार बना रहा है। अभी तक कुल मिलाकर आठ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पूर्व में मेरठ पुलिस लाइन और पीएसी वाहिनी में जिन अभ्यर्थियों को फर्जीवाड़े में पकड़ा गया, उन्होंने पूछताछ में बिहार के सॉल्वर के बारे में बताया था। ये गिरोह अभ्यियों से पैसा लेकर उनकी जगह पर सॉल्वर बैठाता है। लगातार इस मामले में धरपकड़ हो रही थी, इसलिए इस गिरोह ने अब परीक्षा कराने वाली कंपनी के कर्मचारियों को भी साथ मिला लिया। 
पीएसी छठी वाहिनी में अभ्यर्थी साजिद की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि परीक्षा व्यवस्था में लगी कंपनी के कर्मचारी गिरोह में शामिल हैं। दो आरोपियों विकास और अंशुल को पुलिस ने पकड़ा है। इन्हीं ने साजिद से 1.50 लाख रुपये की रकम ली और पास कराने का आश्वासन दिया था। पुलिस पता करने में लगी है कि आखिर बिहार वाले सॉल्वर गैंग से ये कंपनी कर्मचारी कैसे संपर्क में आए और गिरोह में कौन-कौन शामिल हैं। 

सीओ का नहीं उठा रहे थे कॉल
पुलिस ने जैसे ही साजिद को पकड़ा, कंपनी के कर्मचारी विकास और अंशुल दोनों ही फरार हो गए। भर्ती अधिकारी सीओ संजीव देशवाल ने दोनों कर्मचारियों का नाम सामने आने के बाद उन्हें कॉल भी किया, लेकिन कॉल नहीं रिसीव की गई। इसके बाद कंपनी के किसी अधिकारी से कॉल कराई गई। काफी मशक्कत के बाद दोनों को पकड़ा जा सका। 

व्हाट्सएप चैट भी की गई सुरक्षित
साजिद के मोबाइल की व्हाट्सएप चैट को पुलिस ने खंगाला। विकास और अंशुल द्वारा की गई व्हाट्सएप चैट पुलिस को मिली है। मैसेज मिले हैं, जिसमें साजिद को पास कराने की पूरी जिम्मेदारी ली जा रही है। एक मैसेज मिला है, जिसमें कहा गया कि उनकी पहचान ऊपर तक है और कोई परेशानी नहीं होगी। तीन अन्य युवकों से भी साजिद की बातचीत मिली है। 

तीन अन्य भी गिरोह में शामिल
पुलिस को तमाम छानबीन के बाद पता चला है कि तीन अन्य लोग भी इस पूरे मामले में शामिल रहे। इरशाद, मोनू और अंकुर गुर्जर ने साजिद की मुलाकात विकास और अंशुल से कराई थी। पुलिस अब इन तीनों को लेकर छानबीन कर रही है। इन सभी के मोबाइल नंबर भी अब बंद हैं। 
 

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