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यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019: दौड़ से पहले अभ्यर्थी ने बोला- मेरे हाथ से मुहर मिट गई, फिर हुआ बड़ा खुलासा

यूपी पुलिस भर्ती प्रक्रिया के दौरान पीएसी छठी वाहिनी मेरठ में एक मुन्नाभाई और परीक्षा कराने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि अभ्यर्थी ने अपनी जगह किसी अन्य से लिखित...

Pankaj Vijay मुख्य संवाददाता, मेरठThu, 16 Jan 2020 07:53 PM
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यूपी पुलिस भर्ती प्रक्रिया के दौरान पीएसी छठी वाहिनी मेरठ में एक मुन्नाभाई और परीक्षा कराने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि अभ्यर्थी ने अपनी जगह किसी अन्य से लिखित परीक्षा कराई। बुधवार को अभ्यर्थी शारीरिक परीक्षा के लिए आया और पकड़ा गया। परीक्षा कराने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों को भी आरोपी अभ्यर्थी की मदद के आरोप में गिरफ्तार किया है। 

मेरठ छठी वाहिनी पीएसी में यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसी के तहत बुधवार को अभ्यर्थियों की शारीरिक परीक्षा कराई जा रही थी। इसी दौरान बायोमैट्रिक मिलान न होने और फोटो अलग होने के कारण मुजफ्फरनगर के शेरनगर थाना मंडी निवासी अभ्यर्थी साजिद को भर्ती अधिकारियों ने पकड़ लिया। साजिद से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसका संपर्क भर्ती कराने वाले सॉल्वर गिरोह से हुआ था। इस गिरोह ने उसकी जगह बिहार से बुलाकर एक सॉल्वर को परीक्षा देने बैठाया था। साजिद ने खुलासा किया कि बुधवार को उसकी शारीरिक परीक्षा थी। ऐसे में उसी सॉल्वर को भेजा गया, जिसने परीक्षा दी थी और उसका बायोमैट्रिक सुरक्षित हुआ था। सॉल्वर ने पीएसी वाहिनी पहुंचकर एंट्री कराई और बायोमैट्रिक भी करा दिया। इसके बाद उसे सॉल्वर गैंग ने अंदर भेज दिया और बताया कि वो अब दौड़ कर सकता है। साजिद के साथ परीक्षा कराने वाली कंपनी के दो कर्मचारियों विकास और अंशुल को भी गिरफ्तार किया गया है। 

कंपनी के दो कर्मचारी भी गिरफ्तार
यूपी पुलिस भर्ती में दो कंपनी काम देख रही हैं। टीसीएल यानी टाटा कंसल्टेंसी लिमिटेड नापतौल से लेकर बायोमैट्रिक लेने और दस्तावेज अपलोड करने का काम देखती है। दूसरी कंपनी टाइमिंग एंड टेक्नोलॉजी का काम अभ्यर्थियों को रेस के लिए चिप बांधना, रीडिंग लेना और डाटा अपलोड करने का होता है। साजिद ने खुलासा किया कि गिरोह में टाइमिंग एंड टेक्नोलॉजी कंपनी के दो कर्मचारी विकास और अंशुल भी शामिल हैं। दोनों ही मवाना के भैंसी गांव के रहने वाले हैं। 2.50 लाख रुपये में बात तय हुई थी और 1.50 लाख रुपये दे दिए थे। साजिद ने बताया कि ये ही दोनों कर्मचारी उसे बाइक पर लेकर अंदर आए थे और आश्वासन दिया था कि दौड़ बिना किसी रुकावट हो जाएगी। पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया है और क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है। 

ऐसे पकड़ा गया मुन्नाभाई 
बायोमैट्रिक परीक्षण के दौरान मिलान सही मिलने पर अभ्यर्थी के हाथ पर मुहर लगाई जाती है। साथ ही फोटो भी कंप्यूटर पर सुरक्षित कर लिया जाता है। अभ्यर्थी को दौड़ से पहले मुहर चेक की जाती है। साजिद के हाथ पर भी मुहर चेक की गई, लेकिन यह नहीं मिली। साजिद ने बहाना बनाया कि मुहर मिट गई। इस पर शक हुआ और भर्ती अधिकारियों ने दोबारा बायोमैट्रिक मिलान करने के लिए साजिद को बुला लिया। इस बार बायोमैट्रिक भी नहीं मिला और सुबह बायोमैट्रिक के समय लिए गए फोटो से भी मिलान नहीं हुआ। ऐसे में साजिद को पकड़ लिया गया। 

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