Hindi Newsकरियर न्यूज़UP Police Constable passing out parade: most of constable are post graduate and btech degree holders

यूपी पुलिस भर्ती: पोस्ट ग्रेजुएट और बीटेक बने इस बार सबसे ज्यादा सिपाही

184 रिक्रूट की सोमवार को पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में पासिंग आउट परेड हुई। आगरा आरटीसी में ट्रेनिंग करने आए ज्यादातर रिक्रूट पोस्ट ग्रेजुएट हैं। एक दर्जन से अधिक बीटेक हैं। एक एमटेक भी है। परेड के...

Pankaj Vijay प्रमुख संवाददाता, आगराTue, 17 Dec 2019 10:23 AM
share Share
Follow Us on
यूपी पुलिस भर्ती: पोस्ट ग्रेजुएट और बीटेक बने इस बार सबसे ज्यादा सिपाही

184 रिक्रूट की सोमवार को पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में पासिंग आउट परेड हुई। आगरा आरटीसी में ट्रेनिंग करने आए ज्यादातर रिक्रूट पोस्ट ग्रेजुएट हैं। एक दर्जन से अधिक बीटेक हैं। एक एमटेक भी है। परेड के दौरान आईजी रेंज और एसएसपी ने उम्मीद जताई कि ये बैच आगरा आरटीसी का नाम रोशन करेगा। परेड ग्राउंड रिक्रूट के अभिभावकों से खचाखच भरा था। आयोजन के लिए परेड ग्राउंड को रंगोली से सजाया गया था। खाकी वर्दी पहने अपने बेटों को देखने के लिए दूसरे जनपदों से उनके अभिभावक आए थे। ठिठुरन भरी सर्दी में परेड के दौरान जवानों का जोश देखने लायक था। बात-बात पर परेड ग्राउंड तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था। आईजी रेंज ए सतीश गणेश ने परेड की सलामी ली। एसएसपी बबलू कुमार, एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद ने ट्रेनिंग के दौरान अच्छे अंक प्राप्त करने वाले रिक्रूट को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। आईजी रेंज ने 184 रिक्रूटों को शपथ दिलाई।

एसएसपी आगरा बबलू कुमार ने बताया कि छह माह की ट्रेनिंग के बाद रिक्रूटों को वर्दी मिली है। सभी की तैनाती अब लखनऊ स्तर से होगी। सभी रिक्रूट उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान बन गए हैं। पूरी ट्रेनिंग एक भी रिक्रूट फेल नहीं हुआ। इनडोर और आउटडोर ट्रेनिंग कराई गई। बड़ी संख्या में युवक किसान परिवारों से हैं। ऐसे-ऐसे युवक पुलिस में भर्ती हुए हैं, जिनके पूरे परिवार में कोई पुलिस में नहीं है। 50 से अधिक रिक्रूट पोस्ट ग्रेजुएट हैं। एक दर्जन से अधिक बीटेक कर चुके हैं। इनमें कुछ कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुके थे। आने वाले समय में साइबर सेल को इन सिपाहियों से और मजबूती मिलेगी। प्रत्येक रिक्रूट कंप्यूटर में दक्ष है। एक तो एमटेक है।

किसी का दिल नहीं दुखाना
प्रीति और रणधावा सिंह राठी हरिद्वार से आगरा आए थे। उनके बेटे गोविंद राठी ने भी आगरा में ट्रेनिंग ली है। माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने परेड के बाद अपने बेटे से एक ही बात बोली। पूरी ईमानदारी से नौकरी करना। कभी किसी का दिल नहीं दुखना।

पीड़ितों के दर्द को समझना
मुरादाबाद से हाजी इस्माइल अपनी बेगम शाहजहां के साथ आए थे। उनका बेटा मोहम्मद फईम भी आगरा में ट्रेनिंग ले रहा था। माता-पिता ने परेड के बाद बेटे के साथ फोटो खिंचाई। उससे कहा कि पीड़ितों के दर्द को समझना। ऐसा काम करना कि माता-पिता का नाम रोशन हो।

ईमानदारी और मेहनत से काम करे
सिरसागंज के धर्मेंद्र और सत्यमलता भी अपने बेटे को देखने आए थे। उनका भी यही कहना था कि बेटे को एक ही सीख दी है। बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है। अभी तक जैसे नाम रोशन किया है, आगे भी करना।

बहनों की हिफाजत करना
मरोहा निवासी अलका का भाई रविंदर सिंह सिपाही बना है। अलका की खुशी का ठिकाना नहीं है। भाई को वर्दी में देखकर उसकी आंखों में आंसू आ गए। उसने अपने भाई से कहा कि उसकी तरह सभी लड़कियों को बहन मानकर उनकी हिफाजत करना।

किसी की आत्मा नहीं दुखाना
कौंथरा, गोवर्धन से आए बृज किशोर ने बताया कि वह किसान हैं। बेटे को पेट काटकर पढ़ाया। आज बेटे की वजह से गांव में उनकी पहचान होगी। इससे ज्यादा फख्र की बात क्या हो सकती है। बेटे को एक ही सीख दी है कि किसी की आत्मा नहीं दुखना। जो सही है उसे सही बोलना है। जो गलत है उसे गलत। 
 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें