यूपी पुलिस सिपाही की नौकरी छोड़ शिक्षक और रेलवे ग्रुप डी कर्मचारी बन रहे युवा
खाकी वर्दी का अपना अलग रौब है। पुलिस की वर्दी कभी रसूख की बात होती थी। सैकड़ों नौजवान आज भी पुलिस में भर्ती होने के लिए सड़कों पर पसीने बहाते दिख जाएंगे मगर गोरखपुर-बस्ती मंडल के कई युवाओं को यह रौब...
खाकी वर्दी का अपना अलग रौब है। पुलिस की वर्दी कभी रसूख की बात होती थी। सैकड़ों नौजवान आज भी पुलिस में भर्ती होने के लिए सड़कों पर पसीने बहाते दिख जाएंगे मगर गोरखपुर-बस्ती मंडल के कई युवाओं को यह रौब नहीं भा रहा। इनकी पसंद मास्टरी है। यही कारण है कि दोनों मंडलों में तैनात 53 सिपाहियों ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से 51 को प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक की नौकरी मिली है, जबकि एक जेई व एक अन्य ने रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक बनना पसंद किया है।
वेतन में अंतर और काम के कम घंटे बड़ी वजह
पुलिस की नौकरी छोड़ने के पीछे दो बड़ी वजहें सामने आईं। वेतन में बड़ा अंतर और काम का दबाव। इस्तीफा देने वाले एक सिपाही ने बताया कि शिक्षक का वेतन पे बैंड 4200 रुपये है, जबकि सिपाही का सिर्फ 2000। वेतन में ही भारी अंतर है। दूसरे, पुलिस की नौकरी में चौबीसों घंटे काम करना होता है। शिक्षा विभाग व अन्य नौकरियों में ऐसा नहीं है। हालांकि, सिपाही की नौकरी में प्रमोशन के अधिक अवसर होते हैं, जबकि शिक्षक को अधिकतम एक ही प्रमोशन मिलता है।
कार्यमुक्ति का आवेदन नहीं, सीधे इस्तीफा
दूसरी नौकरी मिलने के बाद भी सिपाही चाहते तो कुछ समय के लिए कार्यमुक्ति भी ले सकते थे। ऐसा करने से उन्हें यह फायदा होता कि दूसरी नौकरी का अनुभव लेने के बाद चाहते तो वापस वर्दी धारण कर सकते थे मगर इनकी दिलचस्पी इसमें नहीं रही। अफसरों के समझाने के बाद भी सभी सिपाहियों ने सीधे इस्तीफा ही दिया।
मुख्य बिंदु
-गोरखपुर-बस्ती के 53 सिपाहियों ने शिक्षक बनने के लिए वर्दी छोड़ी
-कार्यमुक्ति के लिए आवेदन देने की बजाय सीधे इस्तीफे की राह चुनी
-तय समय तक कार्यमुक्ति लेने पर नौकरी में वापसी भी संभव रहती है
-सिपाही का पे बैंड 2000 रुपये जबकि शिक्षक का पे बैंड 4200 रुपये है
-सिपाही की नौकरी में प्रमोशन के बेहतर मौके पर शिक्षक में ज्यादा नहीं
जनपदवार इस्तीफा देने वाले सिपाही
जिला संख्या नई तैनाती
कुशीनगर 23 शिक्षक
सिद्धार्थनगर 13 शिक्षक
गोरखपुर 10 शिक्षक
बस्ती 03 शिक्षक
महराजगंज 02 शिक्षक
संत कबीरनगर 02 जेई, चतुर्थ श्रेणी (रेलवे)
क्या कहते हैं आईपीएस विनोद कुमार सिंह
कुशीनगर के एसपी आईपीएस विनोद कुमार सिंह कहते हैं कि हाल के दिनों में युवाओं में पुलिस की नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी में जाने का चलन बढ़ा है। उच्च डिग्री प्राप्त युवा सिपाही बनने के बाद दूसरी नौकरी की भी तलाश में रहते हैं और मौका मिलते ही त्याग पत्र दे देते हैं। पुलिस की वर्दी सभी के लिए बेहद खास होती है। जीवन व दिनचर्या में अनुशासन वर्दी ही सिखाती है। लोगों की सुरक्षा का दारोमदार मेरे कंधे पर है, यह सोच ही ऊर्जा का संचार कर देती है। मैं बस इतना कहूंगा कि वर्दी का क्रेज घटा नहीं है, वक्त के साथ ऊंचे वेतन का क्रेज बढ़ा है।
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