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यूपी पुलिस रिजल्ट : DElEd कर रही है टॉपर अंतिमा, बड़ी बहन पहले ही यूपी पुलिस में

यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान पाने वाली अंतिमा सिंह बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता सुनील सिंह खेतीबाड़ी करके परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। उन्होंने हरदोई...

Pankaj Vijay कार्यालय संवाददाता, हरदोईTue, 3 March 2020 11:10 AM
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यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान पाने वाली अंतिमा सिंह बेहद सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता सुनील सिंह खेतीबाड़ी करके परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। उन्होंने हरदोई शहर के मोहल्ला बोर्डिंग हाउस में किराये के मकान में रहकर बच्चों को बढ़ाया। अंतिम सिंह का यह दूसरा प्रयास था। 2018 की यूपी पुलिस भर्ती में वह दौड़ में क्वालिफाई नहीं कर पाई थी। लेकिन इस बार अंतिमा ने ऐसी तैयारी की कि पहले स्थान पर आईं।  2013 की पुलिस भर्ती में अंतिमा की बड़ी बहन सुरभि सिंह का चयन हो गया था। वह इस समय लखनऊ में ट्रेनिंग कर रही है। 

अंतिमा ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई शहर के बेनीमाधव इंटरकालेज (एडेड विद्यालय) से की। ग्रेजुएशन माधौगंज क्षेत्र के रामलाल महाविद्यालय (निजी कालेज) से पास किया। टापर अंतिमा सिंह के पिता सुनील सिंह का कहना है कि पढ़ने में शुरुआत से ही मेहनत करती थी। उम्मीदों से ज्यादा सफलता प्राप्त की। सभी लोग बेटियों को भी पढ़ाएं। बड़ी बेटी ट्रेनिंग कर रही है। देश व समाज की सेवा करेगी। उन्होंने बताया कि अंतिमा शुरु से ही देश की सेवा करना चाहती हूं। पुलिस भर्ती के लिए जमकर तैयारी करती थी। फिजिकल तैयारी भी काफी समय से करती थी। सोमवार की रात गांव से आया तो बताया गया कि अंतिमा ने टाप किया है। बेटी से बात हुई बहुत खुश है। उन्हें उम्मीद नहीं थी पर विश्वास था कि अच्छे नंबर आएंगे।

बेटी व बेटे में नहीं करना चाहिए अंतर
टापर अंतिमा की मां अनीता सिंह का कहना है कि उनके दो बेटे व दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी के बाद छोटी बेटी ने पुलिस में भर्ती होकर पूरे परिवार का मान बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि पढ़ने के लिए कहना नहीं पड़ता था। हमेशा अपने आप पढ़ने बैठ जाया करती थी। इस समय वह गवर्नमेंट कालेज एटा में डीएलएड की पढ़ाई कर रही है। उन्होंने कहा कि बेटे व बेटियों में अंतर नहीं करना चाहिए। दोनों को समान रूप से पढ़ाएं। बेटियां भी किसी मायने में कम नहीं हैं।

किसान की बेटी के कमाल से गांव में जश्न
हरदोई। किसान सुनील सिंह की दोनों बेटियों के पुलिस में चयनित होने और अंतिमा द्वारा परीक्षा टाप करने की खबर से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। मंगलवार सुबह यह बात गांव भदार में फैल गई। अंतिमा के परिवार के लोगों को बधाई देने के लिए गांव के बुजुर्ग व महिलाएं भी पहुंची। सुनील ने बताया कि वे हमेशा गांव वालों को प्रेरित करते हैं कि बेटा व बेटी दोनों को पढ़ाएं। उनकी दोनों बेटियों ने पुलिस में चयनित होकर उनकी मेहनत को साकार कर दिया है। न सिर्फ अब वे अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं, बल्कि देश की भी सेवा कर सकेंगी। बेटियां बोझ नहीं होती हैं, बल्कि सही पालन, पोषण व मौका मिलने पर वे भी देश व समाज की जिम्मेदारियों का बोझ अपने कंधे पर उठा सकती हैं।

अब अंतिमा न सिर्फ अपने गांव बल्कि आसपास क्षेत्र में पढ़-लिखकर करियर बनाने की इच्छुक बेटियों के लिए रोल माडल बनकर उभरी है। आम तौर पर गांव के लोग पढ़ाई लिखाई के लिए शहर में रहने से कतराते हैं। लेकिन अब उनकी हिम्मत बढ़ेगी। 

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