UP Police: सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली का मुख्य आरोपित गिरफ्तार
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2018 में वाराणसी केंद्र पर हुई धांधली के मुख्य आरोपित 15 हजार के इनामी और डीएवी इंटर कॉलेज के सामाजिक विज्ञान के अध्यापक को पुलिस ने रविवार को कैंट स्टेशन से गिरफ्तार...
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा-2018 में वाराणसी केंद्र पर हुई धांधली के मुख्य आरोपित 15 हजार के इनामी और डीएवी इंटर कॉलेज के सामाजिक विज्ञान के अध्यापक को पुलिस ने रविवार को कैंट स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।
मामले में पूर्व में पकड़े गए कई आरोपितों से पूछताछ में पहड़िया के मां शारदा नगर कॉलोनी (मूल निवासी ग्राम धौरहरा थाना चौबेपुर) के रामकिंकर सिंह का नाम सामने आया था। पुलिस के अनुसार रविवार को वह कहीं भागने की फिराक में था। इस दौरान इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से उसे प्लेटफॉर्म नंबर नौ से दबोच लिया गया। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि ए बड़ा गैंग है। मामले के कई आरोपित पहले गिरफ्तार हो चुके हैं। मुख्य आरोपित की तलाश काफी समय से थी। उससे पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है।
ऐसे होता था पूरा खेल
कैंट थाने में पूछताछ में आरोपित राम किंकर सिंह ने बताया कि वह डीएवी इंटर कॉलेज में अध्यापन के साथ-साथ छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराता था। इस दौरान उसकी मुलाकात बलिया के अमित साहनी से हुई। उसने मुझे बिहार निवासी राजेश कुमार महतो से मिलवाया, जबकि समीर सिंह व राजबहादुर यादव मेरे पूर्व परिचित थे। राजेश ने बताया कि बिहार में तमाम ऐसे गैंग हैं। जो लोग मूल अभ्यर्थी और साल्वर का फोटो मिक्स कर देते हैं। इससे फोटो धुंधली हो जाती है। लिखित परीक्षा में अभ्यार्थी की जगह साल्वर बैठते थे। शारीरिक परीक्षा में गैंग टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के कर्मचारी की मिलीभगत से मूल अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक कराया जाता है। इसके बाद उसे पुलिस भर्ती के साफ्टवेयर पर एक्सेस करा दिया जाता था। टीसीएस के कर्मचारी शारीरिक परीक्षा केंद्र पर रहते हैं। इस कारण वे उन अभ्यर्थियों को आसानी से निकाल देते थे। साफ्टवेयर एक्सेस करने का काम राज और मिथिलेश कुमार महतो करते थे। पूरे काम के लिए प्रति अभ्यर्थी सात से आठ लाख रुपए लिए जाते थे।
सॉल्वर के पकड़े जाने पर खुला राज
आरोपित रामकिंकर सिंह ने बताया कि पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा- 2018 के प्रथम चरण की परीक्षा में मैंने, राजबहादुर यादव, समीर सिंह, अमित साहनी, अमित सिंह, राजेश कुमार महतो राज व मिथिलेश महतो ने साल्वरों की मदद से बनारस में कई अभ्यर्थियों की परीक्षा दिलवाई थी। द्वितीय चरण की परीक्षा में हम लोग भर्ती केन्द्र से बाहर सॉल्वरों से बायोमेट्रिक अंगूठा लगवाकर टीसीएस के यूनिक सॉफ्टवेयर पर एक्सेस करा दिए थे, इस दौरान एक सॉल्वर को सीओ कैंट मुश्ताक अहमद ने पकड़ लिया। उससे पूछताछ के बाद कई अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हुई। मैं बाहर था इसलिए फरार हो गया। आरोपित ने बताया कि जो लोग मेरे पास कैंडिडेट लाते थे उन्हें भी कमीशन दिया जाता था। राम किंकर बनारस में पूरा डील करता था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।