Hindi Newsकरियर न्यूज़UP fake teacher case : in 7 months only 8000 shikshamitra degree certificate checked out 1 5 lakh shiksha mitra

यूपी फर्जी शिक्षक मामला: 7 माह में डेढ़ लाख शिक्षामित्रों में से सिर्फ 8000 का वेरिफिकेशन

आदेश हुए सात महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक प्रदेश में केवल 8333 शिक्षा मित्रों के प्रमाणपत्रों का ही सत्यापन हो पाया है जबकि सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 1.53 लाख शिक्षामित्र तैनात हैं। यदि यही...

Pankaj Vijay शिखा श्रीवास्तव , लखनऊFri, 19 Feb 2021 11:59 AM
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आदेश हुए सात महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक प्रदेश में केवल 8333 शिक्षा मित्रों के प्रमाणपत्रों का ही सत्यापन हो पाया है जबकि सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 1.53 लाख शिक्षामित्र तैनात हैं। यदि यही रफ्तार रही तो फर्जी शिक्षक पकड़ने की कवायद रास्ते में ही दम तोड़ देगी। जुलाई 2020 में राज्य सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में एक ही महिला के प्रमाणपत्र पर प्रदेश में नौ जगह फर्जी शिक्षक पकड़े गए। इसके बाद पूरे प्रदेश में शिक्षकों, शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों के प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश दिए थे।

अब समग्र शिक्षा अभियान के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने 28 फरवरी तक जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं। आदेश के बाद अभी तक केवल 53 फीसदी शिक्षा मित्रों का आधार सत्यापन किया गया है और इनमें से 78136 शिक्षा मित्रों का सत्यापन सही पाया गया। वहीं केवल 55 फीसदी अनुदेशकों का आधार सत्यापन किया गया और इनमें से 14665 का सत्यापन सही है। 

सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों को संबंधित बोर्ड व विविसत्यापन के लिए भेजा जाना है लेकिन अभी तक केवल 27 फीसदी शिक्षा मित्रों के प्रमाणपत्रों को ही भेजा जा सका है। 31.17 फीसदी अनुदेशकों के प्रमाणपत्र भी सत्यापन के लिए भेजे जा चुके हैं और उनमें से 1545 अनुदेशकों के प्रमाणपत्र के सत्यापन की रिपोर्ट आ चुकी है। 

आधार सत्यापन से प्रमाणपत्रों तक में विसंगतियां:

2375 शिक्षामित्र के आधार सत्यापन में गड़बड़ी पाई गई। आधार सत्यापन के लिए ओटीपी का इस्तेमाल किया गया था। वहीं 310 अनुदेशक ऐसे रहे, जिनका आधार सत्यापन में गड़बड़ी पाई गई। 246  शिक्षामित्र व 37 अनुदेशक ऐसे रहे, जिनके प्रमाणपत्र मेल नहीं खाए। अब इन अनुदेशकों व शिक्षा मित्रों के आधार व प्रमाणपत्रों की जांच कमेटी करेगी कि वास्तव में ये मानवीय भूल है या फिर जानबूझ कर फर्जीवाड़ा किया गया। 

60 से ज्यादा फर्जी शिक्षकों पर कसा था शिकंजा: फर्जी शिक्षिका का मामला पकड़ में आने पर तुंरत सभी केजीबीवी में जांच कराई गई तो 60 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए थे। सभी के खिलाफ एफआईआर के बाद संविदा खत्म कर दी गई थी। 

हालांकि विभाग ऐसे भी मामलों से दो-चार होता रहता है, जहां अधिकारी व कर्मचारी सांठगांठ कर फर्जी शिक्षकों से पैसा वसूलते रहते हैं और जांच की गति धीमी ही रखते हैं। सिद्धार्थनगर के बीएसए के स्टेनो को गोरखपुर में एसटीएफ ने ऐसे ही शिक्षकों को बचाने के एवज में 10 लाख रुपये लेते पकड़ा था। सत्यापन के कार्य में सुस्ती से आगे तैनाती में विलंब होना तय है।

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