Hindi Newsकरियर न्यूज़UP DElEd BTC: fees paid but not took admission thousands seats vacant even BEd sack from teacher recruitment

DElEd : 1.34 करोड़ फीस दी पर नहीं लिया दाखिला, शिक्षक भर्ती से BEd बाहर करने के बाद भी 70 हजार सीटें खाली

UP DElEd BTC : प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को अमान्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण 2023 सत्र की 70,100 सीटें खाली रह गईं।

Pankaj Vijay प्रमुख संवाददाता, प्रयागराजTue, 28 Nov 2023 08:37 AM
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प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को अमान्य करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण 2023 सत्र की 70,100 सीटें खाली रह गईं। 2684 अभ्यर्थियों ने पांच-पांच हजार रुपये फीस देकर कॉलेज तो तो आवंटित कराया, लेकिन दाखिला नहीं लिया। अभ्यर्थियों की इस बेरुखी से सरकार को 1.34 करोड़ की आमदनी हो गई।

प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की 10600 व 2974 निजी कॉलेजों की 2,22,750 कुल 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए 3,36,187 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 11 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले पांच साल में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन मिले थे। इसे लेकर निजी डीएलएड कॉलेजों में खासा उत्साह था। हालांकि निर्धारित अंतिम तिथि 20 नवंबर तक 1,63,250 अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश लिया है। उत्तर प्रदेश में पांच साल से प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती शुरू नहीं होना कम प्रवेश का प्रमुख कारण बताया जा रहा है।

इस साल बदला था अलॉटमेंट का नियम
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने इस साल कॉलेज अलॉटमेंट के नियम में परिवर्तन किया था। पहले कॉलेज में सीधे दस हजार रुपये अलॉटमेंट फीस जमा होती थी। इस साल परीक्षा नियामक ने प्रत्येक अभ्यर्थी से पांच हजार रुपये अलॉटमेंट फीस के रूप में सीधे लिए थे। शर्त थी कि प्रवेश नहीं लेने पर फीस वापस नहीं होगी। कॉलेज आवंटन 1,65,934 अभ्यर्थियों का हुआ था लेकिन 1,63,250 ने ही प्रवेश लिया। प्रवेश न लेने वाले 2684 अभ्यर्थियों के पांच-पांच हजार रुपये के हिसाब से 1,34,20,000 रुपये की आमदनी सरकार को हो गई।

कई कॉलेजों ने ही जमा कर दिए थे रुपये
कई निजी कॉलेज के प्रबंधकों ने पांच-पांच हजार रुपये जमा करके अपने कॉलेज के नाम सीट आवंटित करा ली थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद थी कि बाद में अभ्यर्थियों के मिलने पर कमाई हो जाएगी। लेकिन इसके उलट तमाम कॉलेजों में सीटें खाली रह गईं।

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