यूपी डीएलएड 2021: डीएलएड के पेपर में प्रश्नपत्रों की प्रकृति में बदलाव, अब आएंगे ऐसे प्रश्न
डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) में प्रश्नपत्रों का स्तर अब 12वीं तक करने की तैयारी है। सेमेस्टर परीक्षाओं में अब तक 8वीं स्तर तक के ही प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से...
डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) में प्रश्नपत्रों का स्तर अब 12वीं तक करने की तैयारी है। सेमेस्टर परीक्षाओं में अब तक 8वीं स्तर तक के ही प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से प्रश्नपत्रों की प्रकृति में बदलाव का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों के अनुसार डीएलएड में प्रवेश की न्यूनतम योग्यता 12वीं पास होना है। लेकिन यूपी में स्नातक पास अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण कराया जाता है। इसलिए पेपर का स्तर कम से कम 12वीं तक रखने का सुझाव दिया गया है। यूपी के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में डीएलएड की 10600 और 3103 निजी कॉलेजों में 231600 सीटें हैं।
आंतरिक मूल्यांकन में 30 प्रतिशत अंक देने का प्रस्ताव
प्रयागराज। पेपर में स्तर बढ़ाने के साथ ही अंकों के विभाजन में बदलाव का भी प्रस्ताव भेजा गया है। वर्तमान में सेमेस्टर परीक्षा से अधिक आंतरिक मूल्यांकन के अंक हैं। उदाहरण के तौर पर आंतरिक में 400 तो लिखित परीक्षा के लिए 350 अंक ही निर्धारित है। इसके चलते कई बार निजी कॉलेजों द्वारा रुपये लेकर प्रशिक्षुओं को अधिक अंक देने की शिकायत मिलती रहती है। कई बार प्रशिक्षुओं ने रुपये न देने पर कॉलेजों पर कम अंक देने या फेल करने की भी शिकायत की है। प्रस्ताव में आंतरिक मूल्यांकन के लिए कुल पूर्णांक का अधिकतम 30 प्रतिशत अंक देने की बात है।
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