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यूपी के लाल का कमाल, सिलेंडर उठाकर कमाता था 350 रुपये, अब IIT BHU से करेगा BTech

जेईई मेन व एडवांस्ड परीक्षा की गगन ने ऑनलाइन कोचिंग ली। जिस फोन से वे पढ़ा करते थे, वो उनके पापा को कहीं रास्ते में पड़ा मिला था। उसका ऑन ऑफ का बटन खराब था तो गगन उसे पेन डालकर चालू करते थे।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 20 July 2024 02:16 AM
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यूपी का एक दिहाड़ी मजदूरी करने वाला लड़का आईआईटी बीएचयू में पढ़ेगा। अलीगढ़ में अतरौली इलाके के रहने वाले गगन ने गरीबी की तमाम चुनौतियों से लड़ते हुए यह कामयाबी हासिल की। गगन के पिता एक गैस एजेंसी के गोदाम में काम करते हैं। काम ज्यादा और लोग कम रहने पर वे अकसर गगन को बुला लिया करते थे। इसके लिए गगन को 350 रुपये दिहाड़ी मिलती थी। उनका यह दूसरा अटेम्प्ट था। जेईई एडवांस्ड के पहले अटेम्प्ट में उन्हें  8030वीं रैंक (130 मार्क्स) मिली थी जिससे उनका आईआईटी का सपना पूरा नहीं हो सका था। उन्होंने ईयर ड्रॉप किया और आर्थिक तंगी के मुश्किल हालातों में पूरे मन से पढ़ाई जारी रखी। जेईई एडवांस्ड 2024 में उन्हें 170 मार्क्स व ऑल इंडिया 5286वीं रैंक (कैटेगरी रैंक 1027 ) मिली। 

गगन के परिवार में छह लोग हैं। माता पिता के अलावा उनकी दो बड़ी बहनें और एक बड़ा भाई है। फिजिक्स वाला के फाउंडर व सीईओ अलख पांडे को दिए इंटरव्यू में गगन ने बताया कि जब वह 11वीं कक्षा में थे, तब वह गैस सिलेंडर उठाकर दिहाड़ी मजदूर के रूप में भी काम करते थे। गगन और उनके भाई हर दिन 250 सिलेंडर उठाते थे, जिससे उन्हें रोजाना 350 रुपये की कमाई होती थी। इन मुश्किलों के बावजूद वे अपने लक्ष्य से डिगे नहीं। गगन ने अपनी ऑनलाइन शिक्षा जारी रखने के लिए स्मार्टफोन का सहारा लिया। कड़ी मेहनत, लगन और लगातार प्रयास से वह आईआईटी बीएचयू में बीटेक की इलेक्ट्रिकल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ब्रांच में दाखिला पाने में सफल रहे। 

इंटरव्यू में गगन ने बताया कि जब वे 11वीं कक्षा में थे तब कोविड महामारी के चलते कक्षाएं ऑनलाइन हो गई थीं। उन्होंने, '11वीं के दौरान सिलेंडर गोडाउन में काम भी कर लिया करता था। हालांकि काम के बाद पढ़ाई करने का मन नहीं करता था। लेकिन वीडियो देख लिया करता था। एक दिन में 250 सिलेंडर उठा लिया करता था। एक दिन के 300 से 400 रुपये मिला करते थे। मेरे मोहल्ले में ज्यादा पढ़ाई लिखाई वाला माहौल नहीं है। मेरी मम्मी 8वीं पढ़ी हैं और पापा 10वीं। मोहल्ले में  लोग आईआईटी और आईटीआई से कंफ्यूज रहते हैं । कोई भैंस पालने का काम करता है तो कोई दुकान चलाता है।' गगन ने 10वीं में 98.4 फीसदी और 12वीं में 95.8 फीसदी अंक हासिल किए। 

पड़े मिले फोन से की पढ़ाई
गगन ने बताया, 'एक दिन पापा साइकिल से घर आ रहे थे तो उन्हें एक स्मार्टफोन जमीन पर पड़ा मिला। वे उसे घर ले आए। मैं उसी फोन से ऑनलाइन पढ़ाई किया करता था। उसका ऑन ऑफ का बटन खराब था तो पेन डालकर चालू करता था।' 

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