Hindi Newsकरियर न्यूज़UP Board students will read the decision to remove Article 370 from Jammu and Kashmir

यूपी बोर्ड : जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला भी पढ़ेंगे बच्चे

यूपी बोर्ड के छात्र जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला पढ़ेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 2020-21 सत्र से अपने कोर्स में इसे शामिल किया है। यूपी बोर्ड की...

Pankaj Vijay संजोग मिश्र, प्रयागराजSat, 25 July 2020 10:08 AM
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यूपी बोर्ड के छात्र जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला पढ़ेंगे। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने 2020-21 सत्र से अपने कोर्स में इसे शामिल किया है। यूपी बोर्ड की कक्षा 12 के लिए राजनीति विज्ञान की किताब स्वतंत्र भारत में राजनीति की क्षेत्रीय आकांक्षाएं पाठ के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की राजनीति से जुड़ा पैराग्राफ हटाकर उसके स्थान पर जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का अध्याय जोड़ा है। 

किताब में लिखा है-' 2014 में जम्मू-कश्मीर में हुए चुनाव में पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक मतदान होना रिकॉर्ड किया गया। परिणाम स्वरूप पीडीपी के मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में बीजेपी के साथ एक मिली-जुली सरकार सत्ता में आई। मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद, उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती अप्रैल, 2016 में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। महबूबा मुफ्ती के कार्यकाल में बाहरी और भीतरी तनाव बढ़ाने वाली बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुईं। जून, 2018 में बीजेपी ने मुफ्ती सरकार को दिया गया समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। 

पूरी होंगी राजनीतिक व विकास की आकांक्षाएं
5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 द्वारा अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया गया और राज्य को पुनर्गठित कर दो केंद्र शासित प्रदेश-जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख बना दिए गए। जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख भारत में बहुलवादी समाज के जीते-जागते उदाहरण हैं। वहां न केवल धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाई, जातीय और जनजातीय विविधताएं हैं बल्कि विविध प्रकार की राजनीतिक और विकास की आकांक्षाएं हैं, जिन्हें नवीनतम अधिनियम द्वारा प्राप्त करने की इच्छा की गई है।

सालों हिंसा, आतंकवाद, अस्थिरता का किया सामना
अध्याय में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि विशेष दर्जा होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर ने सालों तक हिंसा, आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता का सामना किया।

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