Hindi Newsकरियर न्यूज़UP Board: Sick disabled and elderly teachers will not evaluate board exam answer sheets

UP Board : बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षक नहीं करेंगे मूल्यांकन

5 मई से शुरू हो रहे यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन से बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षकों को दूर रखा जाएगा। सचिव नीना श्रीवास्तव ने शनिवार को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय...

Alakha Ram Singh वरिष्ठ संवाददाता, प्रयागराजMon, 4 May 2020 08:33 AM
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5 मई से शुरू हो रहे यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन से बीमार, अशक्त और बुजुर्ग शिक्षकों को दूर रखा जाएगा। सचिव नीना श्रीवास्तव ने शनिवार को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया गया है कि जो अध्यापक शारीरिक रूप से अशक्त या अस्वस्थ्य हों या 65 साल से अधिक उम्र के हों उनसे मूल्यांकन न कराया जाए। बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की लगभग तीन करोड़ नौ लाख कॉपियों को जांचने के लिए 146755 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। इनमें से 3257 शिक्षक ऐसे हैं जिनकी आयु 65 वर्ष या इससे अधिक है। नई गाइडलाइन के अनुसार ये तीन हजार से अधिक शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में नहीं लगाया जाएगा। 

 

कुछ मूल्यांकन केंद्रों में पीएसी ठहरी या बने हैं क्वांरटीन सेंटर
प्रदेशभर के 75 जिलों में बनाए गए 275 मूल्यांकन केंद्रों में से कुछ में मूल्यांकन होना मुश्किल लग रहा है। इनमें या तो पीएसी की बटालियन ठहरी है या क्वारंटीन सेंटर बना दिए गए हैं। उदाहरण के तौर पर प्रयागराज में ही अग्रसेन इंटर कॉलेज में 25 मार्च से पीएसी ठहरी है। वहां के प्रधानाचार्य डॉ. आद्या प्रसाद मिश्र ने डीआईओएस आरएन विश्वकर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि स्कूल में मूल्यांकन कावाना संभव नहीं है।

 

मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्यों के साथ की बैठक
जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने रविवार को मूल्यांकन केंद्रों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक की। कहा कि हर हाल में 5 मई से मूल्यांकन शुरू होना है। सत्र नियमित रखने और बच्चों का परिणाम समय से देने के लिए शासन से निर्देश मिले हैं। कुछ प्रधानाचार्यों ने केंद्रों पर मास्क, ग्लव्स आदि का इंतजाम नहीं होने की बात उठाई। इसके लिए शासन से कोई बजट भी नहीं मिला है।

 

शिक्षकों को घर पर ही कॉपी जांचने की दें अनुमति
शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने उपमुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री को रविवार को मूल्यांकन के सम्बन्ध में पत्र लिखा। उनका कहना है कि वर्तमान परिस्थिति में मूल्यांकन का एक ही रास्ता बचता है कि उत्तर पुस्तिकाएं निश्चित समय के लिए परीक्षकों को दे दी जाए तथा वह घर पर ही मूल्यांकन करें। इससे शिक्षक महामारी से भी बच जाएंगे और मूल्यांकन का कार्य भी हो जाएगा। यह छात्र, शिक्षक तथा समाज सभी के हित में होगा।

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